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Bhagalpur News: कुख्यात अपराधी रविंद्र को पुलिस ने पकड़ा, 34 वर्षों से थी तलाश - बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह

बिहार के भागलपुर में नवगछिया पुलिस को बहुत बड़ी सफलता मिली है. हत्या के मामले में 34 वर्षों से फरार चल रहे फाइटर व लाइटर ग्रुप के कुख्यात अपराधी रविंद्र (Fighter and Lighter Group Criminal) को गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 9, 2023, 7:44 AM IST

भागलपुर:बिहार के भागलपुर जिला के नवगछिया पुलिस ने एक कुख्यात अपराधी को गिरफ्तार किया है. बिहपुर पुलिस ने थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह की अगुवाई में 34 वर्षों से चार हत्या के मामलो में फरार चल रहे शातिर अपराधी को जयरामपुर से धर-दबोचा है. ये अपराधी पुलिस से बचकर जयरामपुर में एक घर में रह रहा था. बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने बताया कि ये स्थायी वारंटी रवींद्र उर्फ कारे चौधरी साकिन जयरामपुर का है. करीब तीन दशक पूर्व जब जयरामपुर में फाइटर व लाइटर ग्रुप हुआ करता था तो ये उसका सदस्य था. इस पर 1989 में जयरामपुर में हुई दो हत्या के मामले दर्ज है.

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4 हत्या के मामले में है नामजद: वहीं रवींद्र 1990 में एक हत्या का नामजद आरोपी है. इसके अलावा वो मधेपुरा जिले के रतवारा थाने में 1991-1992 के मध्य में हुई एक हत्या में मामले में फरार चल रहा था. रवींद्र ने 34 वर्षों से पुलिस की आंखों में धूल झोककर बचता रहा लेकिन वह बिहपुर थानाध्यक्ष राजकुमार सिंह की पैनी निगाहों से नहीं बच सका. बता दें कि बिहार के तत्कालीन डीजीपी आरएसभट्टी 1992 के मार्च से जून तक बिहपुर थाने में प्रशिक्षु एसपी के रूप में तैनात थे उस समय रवींद्र की जयरामपुर और आसपास में तूती बोलती थी.

"ये स्थायी वारंटी रवींद्र उर्फ कारे चौधरी साकिन जयरामपुर का है. करीब तीन दशक पूर्व जब जयरामपुर में फाइटर व लाइटर ग्रुप हुआ करता था तो ये उसका सदस्य था. इस पर 1989 में जयरामपुर में हुई दो हत्या के मामले दर्ज है. 1990 में एक हत्या का नामजद आरोपी है. इसके अलावा वो मधेपुरा जिले के रतवारा थाने में 1991-1992 के मध्य में हुई एक हत्या में मामले में फरार चल रहा था."-राजकुमार सिंह, थानाध्यक्ष, बिहपुर

तीन दशक के बाद हुआ गिरफ्तार: रवींद्र ने राजो महतो की हत्या जयरामपुर में की थी. बबलू महतो की हत्या नन्हकार गंगा घाट के किनारे, कारू महतो की हत्या महंत स्थान चौक एनएच31 पर और सुभाष महतो को मधेपुरा के रतवारा दियारा में जिंदा जला दिया था. तीन दशक बाद कारे चौधरी पुलिस के हत्थे चढ़ा है. वहीं पुलिस और वरीय पदाधिकारी इससे जुड़े और कई कांडों की तहकीकात कर रहे हैं. वरीय पुलिस पदाधिकारी को आशंका है कि इसके ऊपर और भी किसी थाने में केस हो सकता है जिसकी तहकीकात बहुत ही बारीकी से की जा रही है.

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