भागलपुर:जिले में विक्रमशिला सेतु के पश्चिम हिस्से में करीब एक किलोमीटर दूर दियारा को काटकर जहाज चलाने की योजना भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने बनाई है. उसके लिए जलमार्ग प्राधिकरण नवगछिया की ओर स्थित अमरी बिशनपुर गांव के पूर्वी हिस्से में स्थित बैरिया धार को काटकर रास्ता बनाया जाएगा.
नहर खोदकर बनाया जाएगा रास्ता बैरिया धार को किया जाएगा पुनर्जीवित
बैरिया धार में दो महीने पहले बारिश के समय काफी पानी का बहाव था, लेकिन अब उस क्षेत्र में पानी जमा है. जिसके बीच में भारी संख्या में शिल्ड जमा हो गया है. जिसे काटकर भागलपुर के मुख्य घाट से उसे जोड़ा जाएगा. धार में 90 फीसदी से ज्यादा साफ पानी जमा है. अगर यह योजना सफल रही तो बरारी वाटर वर्क्स के पास सालभर गंगा नदी का पानी भी उपलब्ध रहेगा.
मिट्टी और शील्ड को हटाने का काम जारी प्राधिकरण को करनी पड़ रही मशक्कत
गौरतलब है कि विक्रमशिला सेतु के नीचे उत्तर दक्षिण दिशा में राघोपुर स्थित महादेवपुर घाट और बरारी पुल घाट के पास काम चल रहा है. इस इलाके में जलमार्ग प्राधिकरण को खासा मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि वहां की मिट्टी काफी सख्त है. वहीं, कम क्षमता वाली मशीन को लगाया गया है जिससे काम काफी धीमी गति से हो रहा है.
नहर खोदकर बनाया जाएगा रास्ता मालवाहक जहाजों की बढ़ेगी आवाजाही
भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के उप प्रबंधक प्रशांत कुमार ने बताया कि जलमार्ग प्राधिकरण की योजना है कि भागलपुर में मालवाहक जहाजों की आवाजाही बढ़े. इसे लेकर नवगछिया और भागलपुर के बीच जमे मिट्टी और शील्ड को हटाने का काम किया जा रहा है.
'जहां से नदी की धारा लाई जाएगी, वहां पर बिजली कंपनी ने बिना अनुमति के दर्जनों की संख्या में पोल और हाईटेंशन लगा दिया है. जिसे हटाने को लेकर बिजली कंपनी को पत्र लिखा गया है पोल और तार हटाने के बाद और तेजी से काम किया जाएगा'- प्रशांत कुमार, उपप्रबंधक, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण
भागलपुर में गंगा में चलेंगे जहाज व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
जलमार्ग को बनाने से इलाहाबाद से हावड़ा तक सामानों की ढुलाई आसान हो जाएगी. साथ ही आम लोगों को व्यापार करने भी में भी आसानी होगी. जलमार्ग से माल ढुलाई शुरू होने से ट्रेन और सड़क से भीड़ भी कम हो जाएगी. भागलपुर से जुड़े हुए बांका, गोड्डा, दुमका के अलावा अन्य जिलों के व्यापारियों को विकल्प के तौर पर एक नया साधन मिलेगा. वहीं, गंगा में जहाज चलने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.