भागलपुर: जिले के कहलगांव प्रखंड के ग्रामीण आज भी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित है. सरकार स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए चाहे जितने भी दावे कर लें लेकिन इस प्रखंड की जमीनी हकीकत कुछ और ही है.
दरअसल, इस प्रखंड के रसलपुर पंचायत में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति काफी दयनीय है. आलम यह है कि पिछले 15 सालों से यहां के स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टर से लेकर नर्स तक कोई भी दिखाई नहीं दिया है. इस स्वास्थ्य केंद्रों में लगे ताले आज तक कभी किसी ने नहीं खोला. बंद पड़े इस स्वास्थ्य केंद्र का परिसर मवेशियों का चारागाह बनता जा रहा है.
केवल टीकाकरण के लिए खुलती है ये केंद्र
वहीं अस्पताल की बदहाली को लेकर जब स्थानीय लोगों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि यह केंद्र केवल टीकाकरण के लिए ही खोला जाता है. अस्पताल में कोई उपक्रम तक देखने के को नहीं मिलते हैं. ऐसे में सरकार स्वास्थ्य केंद्र के जरिए ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात करती है. लेकिन ऐसा लगता है कि यहां के ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा नहीं मिल पाया है.
अस्पताल में ना कोई डॉक्टर ना कोई नर्स ग्रामीण फूलो मंडल ने बताया कि यह स्वास्थ्य केंद्र 15 सालों से कभी खुला ही नहीं है. यहां ना तो कोई डॉक्टर या नर्स आते हैं. गांव में यदि कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे गांव से करीब 10 किलोमीटर दूर कहलगांव लेकर जाना पड़ता है. दवाई भी उपलब्ध नहीं वहीं एक महिला ने बताया कि जब से वह देख रही हैं तब से अस्पताल में इसी तरह स्थिति है. इस अस्पताल में ना दर्द की दवाई मिलती है ना कोई डॉक्टर मिलता है जो सलाह दे. वह बताती हैं कि गांव में कोई यदि बीमार पड़ जाता है तो उन्हें कहलगांव लेकर जाना पड़ता है. कई दफा ले जाने के क्रम में उनकी मौत भी हो जाती है. 15 सालों से बंद पड़ा है ये अस्पताल एंबुलेंस की भी कोई सुविधा नहीं
ग्रामीण निरंजन कुमार मंडल बताते हैं कि उन्होंने अस्पताल की बदहाली पर कई बार अनुमंडल चिकित्सा पदाधिकारी से शिकायत की है. लेकिन उसकी शिकायत व्यर्थ में चली गई है. अभी तक कोई भी सुविधा इस अस्पताल में मुहैया नहीं करायी गयी है. उन्होंने बताया कि यहां वाहन की भी अधिक सुविधा नहीं है. जिससे की रोगी को अस्पताल पहुंचाया जा सके.
जहां एक ओर पूरा बिहार चमकी और लू जैसी बीमारियों से जूझ रहा है. वहीं दूसरी ओर इस प्रखंड में प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल तक नहीं है. ऐसी स्थिति में लोगों को इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं है. कहां जाएंगे. ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार के सभी दावें कितनी खोखली है.