भागलपुर: प्रदेश में स्मार्ट सिटी के रूप में सबसे पहले भागलपुर का चयन हुआ था. इसके बावजूद विकास कार्य अब तक तेजी नहीं पकड़ सका. लेटलतीफी के कारण भागलपुर स्मार्ट सिटी का काम धरातल पर नहीं उतर पाया है. स्मार्ट सिटी योजना के कार्यो में तेजी लाने को लेकर नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा शनिवार को कार्यों की समीक्षा बैठक की.
बैठक से बाहर निकलते नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा स्मार्ट सिटी योजना के कार्य को धरातल पर लाने की बात करें तो लगभग 3 साल बीत चुके हैं. लेकिन अब तक स्मार्ट सिटी की एक भी योजना धरातल पर दिखाई नहीं दे रहा. भागलपुर स्मार्ट सिटी के 6 योजना को लेकर लगभग 9 सौ करोड़ की योजना पर काम करने का करार हुआ था. लेकिन अभी तक मात्र एक ही योजना ट्रिपल सी का डीपीआर तैयार किया गया है.
900 करोड़ से अधिक का होगा काम
बाकि, 5 योजनाओं का डीपीआर पर अभी तक काम ही चल रहा है. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने समीक्षा बैठक में सभी योजनाओं पर एक-एक कर समीक्षा की. नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने बताया कि स्मार्ट सिटी योजना के तहत 900 करोड़ से अधिक रुपए का काम होना है. जिसमें पार्क, रोड, ट्रिपल सी पर खर्च किया जायेगा. केंद्र की स्मार्ट सिटी योजना में बिहार का भागलपुर फर्स्ट स्मार्ट सिटी था. लेकिन कार्य नहीं होने के कारण यह काफी पीछे चला गया.
स्मार्ट सिटी योजनाओं पर नगर विकास मंत्री की बैठक स्मार्ट सिटी की सभी बाधाएं हुई दूर
मंत्री ने बताया कि दिसंबर से स्मार्ट सिटी का काम शुरू हो जाएगा. मार्च 2020 तक कार्य धरातल पर दिखाई देने लगेगा. भागलपुर स्मार्ट सिटी को लेकर सभी बाधाओं को दूर कर लिया गया है. स्मार्ट सिटी के योजना में नगर आयुक्त, जिलाधिकारी, नगर विधायक, मेयर, डिप्टी मेयर और स्मार्ट सिटी के सभी अधिकारी सकारात्मक रूप से मिलकर काम करने के लिए जुट गए हैं.