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भागलपुर: दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों की बढ़ी मुश्किलें, नहीं मिल रहा रोजगार - corona positive case in bhagalpur

भागलपुर में दूसरे राज्यों से लौटे श्रमिकों को रोजगार नहीं मिल रहा है. जिसकी वजह से उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Jun 7, 2020, 5:39 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 11:01 PM IST

भागलपुर: बिहार में हमेशा रोजगार को लेकर पलायन की बात सामने आती है. वहीं कोरोना महामारी में सरकार ने लगभग सभी श्रमिकों को वापस उनके घर तक पहुंचाने का कार्य किया है. इस दौरान सरकार ने सभी को क्वॉरंटीन सेंटर में रखकर 14 दिनों तक खाना-पीना दिया. साथ ही सभी को अपने गृह क्षेत्र में रोजगार को लेकर भी आश्वासन दिया. लेकिन ट्रेन से भारी संख्या में श्रमिकों को लाने वाली सरकार इन्हें काम देने में असमर्थ दिख रही है.

पैदल वापस आए कई मजदूर
भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड अंतर्गत बैजानी के मक्ससपुर में एक मोड़ पर बैठे लोगों ने बताया कि वह सभी लोग दूसरे राज्यों में काम करते थे. लेकिन कोरोना महामारी और लॉक डाउन की वजह से सभी के रोजगार-धंधे बंद हो गए. मजबूरी में सभी को अपने-अपने घर वापस लौटना पड़ा. रोजगार को लेकर इतनी ज्यादा दिक्कत हो गई कि खाने के लाले पड़ गए और मजबूरी में कई लोगों ने पैदल ही हजारों किलोमीटर का रुख कर लिया.

श्रमिकों को नहीं मिला रहा रोजगार

लाखों श्रमिक लौटे बिहार
ऐसी विषम परिस्थिति को देखकर सरकार ने केंद्र सरकार से बात कर सभी को घर वापस लाने के लिए ट्रेनों का बंदोबस्त किया. जिससे लाखों की तादाद में लोग बिहार के हर जिले में वापस आ गए. 14 दिन तक तो क्वॉरंटीन सेंटर में इन्हें दोनों वक्त का खाना दिया जा रहा था. लेकिन क्वॉरंटीन सेंटर से जब सभी लोग अपने घर पहुंचे, तो उन्हें रोजगार की चिंता सताने लगी.

जबकि सरकार ने प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना के तहत सभी को रोजगार उपलब्ध कराने की बात भी कही है. साथ ही मनरेगा जॉब कार्ड उपलब्ध कराकर 100 दिनों की न्यूनतम मजदूरी देने का वादा भी किया है. लेकिन स्थिति ठीक इसके विपरीत है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मजदूरों को नहीं मिला रोजगार
दूसरे राज्यों से आए हुए लोग गांवों में काफी मुश्किल से अपना समय गुजार रहे हैं. इन लोगों को रोजगार मिलना तो दूर की बात सरकार की तरफ से अभी तक जॉब गारंटी कार्ड भी नहीं मिला है. ऐसे में सभी दूसरे राज्यों से आए हुए श्रमिक पूरी तरह से बेरोजगारी के शिकार हो रहे हैं. घर में खाने के लिए किसी के पास भी पैसे नहीं हैं. बिहार में लगभग 30 लाख प्रवासी श्रमिक वापस आए हैं. भागलपुर में भी लगभग एक लाख से ज्यादा लोग अपने घर वापस आए हैं. ऐसी परिस्थिति में श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराना सरकार की सबसे बड़ी चुनौती है.

Last Updated : Jun 7, 2020, 11:01 PM IST

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