भागलपुर:लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का प्रदेश में आगमन लगातार जारी है. इसी क्रम में शुक्रवार रात करीब 11 बजे बंगाल के मुराडोई में एक ईंट-भट्टा में काम करने वाले मजदूर का परिवार छठे दिन भागलपुर पहुंचा. परिवार में अधिकतर बच्चे हैं. ये लोग पिछले 5 दिनों से अपने सामान और गोद में बच्चों को उठाकर भूखे-प्यासे चल रहे थे. बांका जिले की फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र जाने के लिए निकले मजदूर शुक्रवार रात 11 बजे सकुशल भागलपुर के उल्टापुर पहुंचे.
बंगाल से पैदल चलकर 6 दिनों बाद भागलपुर पहुंचे 24 मजदूर
मजदूरों ने बताया कि हम लोग पैदल ही भूखे-प्यासे रात-दिन चलकर यहां तक पहुंचे हैं. हालांकि, रास्ते में जगह-जगह पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस वालों ने हमलोगों को खाना खिलाया.
ये लोग इतने थके हुए थे कि बैठते ही सभी बच्चे सो गए. मजदूरों ने बताया कि मोराडोई के एक ईंट-भट्टा में हम लोग काम करते थे. लॉकडाउन के दौरान काम बंद कर दिया गया. लॉकडाउन खुलने का इंतजार करते-करते हम लोग पैदल ही घर के निकल गये. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद मालिक ने हम लोगों का पैसा नहीं दिया. कुछ दिन में राशन भी खत्म हो गया. तब हमने बच्चों को लेकर पैदल ही घर जाने का फैसला किया.
'पुलिस और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने खिलाया खाना'
मजदूरों ने बताया कि हम लोग पैदल ही भूखे-प्यासे रात-दिन चलकर यहां तक पहुंचे हैं. हालांकि, रास्ते में जगह-जगह पर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं और पुलिस वालों ने हमलोगों को खाना खिलाया. वहीं, यहां पहुंचने से पहले घंटाघर स्थित राहत शिविर में हम लोगों ने खाना खाया. भागलपुर में प्रवेश करने से पहले पिरपैंती में हम लोगों का स्वास्थ्य जांच भी किया गया है. बता दें कि 24 मजदूरों में अधिकतर बच्चे शामिल हैं. सभी मजदूरों को बांका जिले की फुल्लीडुमर थाना क्षेत्र स्थित अपने गांव जाना है.