भागलपुर: बिहार के 16 जिले बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. बाढ़ से घिरे इलाकों में रहने वाले लोग बाढ़ राहत शिविर (Flood Relief Camp) में रहने को विवश हैं. ऐसे में अब बाढ़ राहत शिविरों में ही पारिवारिक आयोजन भी होने लगे हैं. ऐसा ही एक मामला भागलपुर (Flood in Bhagalpur) के हवाई अड्डा बाढ़ राहत शिविर में देखने को मिला, जहां दो शिशुओं को अन्नप्राशन की रश्म अदायगी की गई. इस मौके पर जगदीशपुर प्रखंड के कई अधिकारी भी मौजूद रहे.
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भागलपुर के जगदीशपुर प्रखंड के रहने वाले सिन्टु मंडल और बुलो मंडल के गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. सिन्टु और बुलो अपने परिवार के साथ हवाई अड्डा बाढ़ राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं.
बाढ़ राहत शिविर में रहने वाले बुलो मंडल अपनी पत्नी सिंकु देवी और छह माह के बच्ची निधि कुमारी के साथ बाढ़ राहत शिविर में इंतजार कर रहे थे, कि कब उनके गांव का पानी उतरे और वह घर जाकर अपनी बेटी का अन्नप्राशन करवाए. लेकिन गांव का पानी नहीं उतरा और वह समय भी आ गया जब अन्नप्राशन की तिथि निश्चित थी.
बुलो ने इसकी जानकारी जगदीशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी तरुण कुमार केसरी, जगदीशपुर प्रखंड की सीडीपीओ रूबी सिंह व सीडीपीओ सदर सुमन चंद्रा को दी. अधिकारियों ने इसके लिए तत्काल व्यवस्था की और गुरुवार को दो शिशुओं निधि कुमारी और सिन्टु मंडल की बेटी संध्या कुमारी का अन्नप्राशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया.
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''इस मौके पर राहत शिविर में खीर बनवाई गई और दोनों बेटियों का अन्नप्राशन किया गया. इस मौके पर जगदीशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी तरुण कुमार केसरी, जगदीशपुर प्रखंड की सीडीपीओ रूबी सिंह व सीडीपीओ (सदर) सुमन चंद्रा द्वारा खीर खिलाकर अन्नप्राशन कराया. शिविर में लगभग 26 से अधिक गर्भवती महिलाएं हैं, जिनकी स्वास्थ्य टीम द्वारा देख-रेख की जा रही है.'' - तरुण कुमार केसरी, जगदीशपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी
बता दें कि कि राज्य के 16 जिलों के 100 प्रखंडों की कुल 719 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 37 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. प्रभावित क्षेत्रों में 74 राहत शिविर बनाए गए हैं, जिसमें 34 हजार से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं. इसके अलावा 865 सामुदायिक किचेन का भी संचालन किया जा रहा है.