भागलपुर:बिहार के भागलपुर रेशम भवन के सभागार में रविवार को जीवन के कई रंग दिखे. लंबी लड़ाई के बाद स्पन सिल्क मिल के कर्मचारियों के परिवारों में खुशियां लौटी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन की पहल पर 25 साल के बाद कर्मचारियों को अपना हक मिलने लगा है. दरअसल, 23 जनवरी को रेशम भवन में बिहार स्पन सिल्क मिल (Bihar Spun Silk Mill) के कर्मचारियों के लंबित वेतन भुगतान कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बिहार स्पन सिल्क मिल के 352 कर्मचारियों के वर्ष 1997 से लंबित वेतन के रूप में 15.60 करोड़ रुपयों की राशि का भुगतान किया.
कोविड-19 निर्देशों का पालन करते हुए कार्यक्रम में मात्र 30 कर्मचारियों को सांकेतिक रूप से चेक प्रदान किया गया. निगम की ओर से भुगतान डिजिटल माध्यम से कर्मचारियों के बैंक खाते में किया जाएगा. रेशम भवन में आयोजित कार्यक्रम में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार में डबल इंजन की सरकार है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व और निर्देशन में हम नए उद्योगों को लगाने के साथ-साथ पुरानी समस्याओं के समाधान में भी लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि अभी हमने बीएसएसम के 352 कर्मियों के बीच 15.60 करोड़ रुपए 8 साल का बकाया वेतन के रूप में एकमुश्त दिए हैं और बाकी बचा वेतन भी उन्हें दिया जाएगा.
उद्योग मंत्री ने कहा कि बिहार स्पन सिल्क मिल के बकाया वेतन के भुगतान के लिए करीब 42 करोड़ रुपए दिए जाने हैं जिनमें से 16 करोड़ से ज्यादा की रकम दो किश्तों (6 माह का वेतन - 55 लाख और 8 साल का एकमुश्त वेतन - 15.60 करोड़) में वितरित की गई है और बाकी के वेतन के भुगतान के लिए भी रकम का बंदोबस्त किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि भागलपुर के पिछले दौरे में हमने कहा था कि अपनी कलम की ताकत से लोगों के आंसू पोछने का काम करूंगा और आज मुझे बहुत खुशी है कि 352 कर्मियों को 25 साल से बकाया वेतन अपने हाथों सौंपने का सौभाग्य मिला है.
आपको बता दें बिहार राज्य औद्योगिक विकास निगम लिमिटेड की एक इकाई के रूप में बिहार स्पन सिल्क मिल की स्थापना की प्रक्रिया 1962 में प्रारंभ की गई. इस मिल में उत्पादन 1974 में प्रारंभ हुआ. बिहार स्पन सिल्क मिल, भागलपुर में बनाए गए रेशम की प्रसिद्धि देश-विदेश में रही. इस मिल के धागे का निर्यात बांग्लादेश और यूरोप के कई देशों में भी हुआ करता था. रेशम का वस्त्र उत्पादित करने वाली स्थानीय इकाइयों में भी बिहार स्पन सिल्क मिल में बनाये गये धागे का इस्तेमाल होता था.
कतिपय कारणों से इस मिल में उत्पादन 1993 से बंद हो गया. उत्पादन बंद होने और अर्थाभाव के कारण कर्मचारियों के वेतन और सेवांत लाभ का भुगतान वर्ष 1997 से रुक गया. उन्होंने कहा कि उद्योग मंत्री का प्रभार लेने के साथ ही वो कर्मचारियों के बकाया वेतन के भुगतान में लग गए और जरूरी निर्देश अधिकारियों को दिया. कार्यक्रम में भागलपुर सदर के विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन से भागलपुर को बड़ी उम्मीद है और वह सिल्क नगरी को आगे बढ़ाने का काम करेंगे.