भागलपुर: देश में नई शिक्षा नीति (एनईपी) लागू होने के साथ ही इंजीनियरिंग के छात्रों के सामने विज्ञान कॉमर्स और आर्ट्स के रुप में सीमाएं नहीं होगी. विज्ञान या इंजीनियरिंग के छात्र अपनी रूचि के मुताबिक कला, संगीत और साहित्य जैसे विषयों का भी चयन कर सकेंगे. इसी कड़ी में भागलपुर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान में इसकी शुरुआत हो गई है.
बता दें कि भागलपुर भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के छात्र को साहित्य की पढ़ाई के लिए अलग से लाइब्रेरी भी उपलब्ध कराया गया है. लाइब्रेरी में तीनों वेद के अलावा रामायण, महाभारत और महापुरुषों की लिखी गई पुस्तक उपन्यास उपलब्ध है. जिसे यहां के छात्र पढ़ सकेंगे. इसके अलावा ट्रिपल आईटी भागलपुर के ऑफिशियल वेबसाइट पर पुस्तक ऑनलाइन भी उपलब्ध है. भागलपुर के अलावा भी दूसरे जगह पढ़ने वाले छात्र वेबसाइट से अध्ययन कर सकेंगे.
गौरतलब है कि, नई शिक्षा नीति लागू होने के साथ ही तकनीकी शिक्षा की नियामक संस्था में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई ) ने खुद से संबंधित इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाए जा रहे टेक्निकल कोर्स और इंजीनियरिंग के अंडर ग्रैजुएट कोर्स के लिए प्रस्तावित नए करिकुलम में इन विषयों को जोड़ा है. हालांकि यह नया करिकुलम आईआईटी, एनआईटी पर लागू नहीं है. बता दें कि अगले शैक्षणिक सत्र से एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त देश के 3 हजार से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेज में नए करिकुलम के अनुसार पढ़ाई शुरू होगी. जिसमें भागलपुर भी शामिल है.
ट्रिपल आईटी के छात्र पढ़ सकेंगे साहित्य की पुस्तकें साहित्य की पुस्तकें उपलब्ध
'देश में लागू नई शिक्षा नीति 2020 के तहत भागलपुर ट्रिपल आईटी में भी इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए साहित्य संगीत पढ़ाई की व्यवस्था की शुरुआत हो गई है. इसके लिए कॉलेज में एक अलग से लाइब्रेरी भी छात्रों के लिए उपलब्ध कराया गया है. लाइब्रेरी में सभी वेद के अलावा सैकड़ों की संख्या में अलग-अलग लेखक और महापुरुषों के जीवनी के साथ-साथ कई ग्रंथ उपन्यास मौजूद हैं.'- प्रो. अरविंद चौबे, निदेशक, ट्रिपल आईटी
पुस्तकें लाइब्रेरी में उपलब्ध वेबसाइट पर उपलब्ध है पुस्तकें
'छात्र इन पुस्तकों का ऑफलाइन माध्यम से भी अध्ययन कर सकेंगे. इसके अलावा भागलपुर ट्रिपल आईटी के ऑफिशियल वेबसाइट पर सभी पुस्तकें अपलोड की जा रही है. दूरदराज के छात्र भी इसका अध्ययन कर सकेंगे. ट्रिपल आईटी के लाइब्रेरी में महाभारत, गीता, वेद ,उपनिषद, राष्ट्रकवि के जीवनी, भारत के शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक की लिखी गई पुस्तकें, हरिवंश राय की पुस्तकें के अलावा सभी साहित्यकार की पुस्तकें उपलब्ध है.'- प्रो. अरविंद चौबे, निदेशक, ट्रिपल आईटी
एआईसीटीई के निर्देश करना होगा पालन
नए करिकुलम के मुताबिक इंजीनियरिंग के छात्रों को 4 साल के अंडर ग्रैजुएट कोर्स में कुल 150 से लेकर 160 क्रेडिट प्वाइंट में से कम से कम 12 क्रेडिट प्वाइंट ह्ममेनिटीज, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों से अर्जित करने होंगे. एनआईसीटी इन छात्रों के लिए इन विषयों में 12 क्रेडिट पॉइंट लाना अनिवार्य किया है. इसके अलावा सभी इंजीनियरिंग कॉलेज को अनिवार्य रूप से पर्यावरण पर एक कोर्स संचालित करने का निर्देश है. पर्यावरण के पेपर में ग्लोबल वार्मिंग, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसे टॉपिक शामिल होंगे. साथ ही इंजीनियरिंग कॉलेजों को भारतीय संविधान और भारतीय पारंपरिक ज्ञान की जरूरत विषय में से एक पेपर पढ़ना अनिवार्य होगा. हालांकि यह पेपर अनिवार्य होंगे लेकिन छात्रों को क्रेडिट पॉइंट नहीं मिलेंगे. इंजीनियरिंग कॉलेज चाहे तो जरूरत के हिसाब से छात्रों को अंग्रेजी, साहित्य, मनोविज्ञान या अर्थशास्त्र पढ़ा सकते हैं, लेकिन उन्हें एआईसीटीई के इस निर्देश का पालन करना होगा.