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अजगैबीनाथ और बैद्यनाथ को जल चढ़ाने भारी संख्या में पहुंचते हैं श्रद्धालु, ये है मान्यता - महंत का ये है मानना

कई पुजारियों का मानना है कि जबतक यहां पूजा नहीं की जाती तब तक बैद्यनाथ की पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है. इसलिए श्रद्धालु सबसे पहले सुल्तानगंज आकर अजगैबीनाथ में पूजा-अर्चना करते हैं.

भक्तों की भीड़

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Published : Jul 29, 2019, 1:13 PM IST

भागलपुर: सोमवारी के अवसर पर भगवान शिव के भक्तों की भारी भीड़ मंदिर में देखने को मिल रही है. जिले के उत्तरवाहिनी गंगा तट पर स्थित बाबा अजगैबीनाथ मंदिर में भक्त भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. श्रद्धालु बोल बम, बोल बम के नारे भी लगा रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

पुजारियों का ये है मानना
दरअसल, बाबा धाम जाने से पहले कांवड़िया सुल्तानगंज पहुंचते हैं. कांवड़िया यहां पहले गंगा स्नान करते हैं. तब जल लेकर बाबा धाम के लिए रवाना होते हैं. पुजारियों का ऐसा मानना है कि यहां के अजगैबीनाथ की पूजा नहीं करते, तब तक पूजा संपन्न नहीं मानी जाती है. इसलिए श्रद्धालु सबसे पहले सुल्तानगंज आकर पूजा-अर्चना करते हैं.

कांवड़िया

अजगैबीनाथ की महत्ता
मंदिर के महंत प्रेमानंद गिरी ने बताया कि मान्यता है कि अजगैबीनाथ को दो नामों से पूजा जाता है. एक अजगैबीनाथ और दूसरा बैद्यनाथ. बैद्यनाथ के नाम से इसलिए पूजा जाता है क्योंकि यहां सिद्धार्थ नाम का एक महंत टिले पर रहते थे, जो रोजाना जल ले कर बाबाधाम जाते थे. उनकी पूजा से बाबा प्रसन्न हुए और वरदान दिया कि आपको जलाभिषेक के लिए बाबाधाम जाने की जरूरत नहीं है. वो यहीं दर्शन देंगे. तब से लेकर आज तक यहां के मंहत देवघर नहीं जाते हैं.

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