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भागलपुरः लॉकडाउन में अपने मायके में फंसी संगीता को दादाजी ने घर से निकाला

समाजसेवी अशोक जीवराजीका ने कहा कि ईटीवी भारत के संवाददाता को दंपत्ति स्टेशन पर रोते हुए मिला. जिसके बाद उन्होंने हमसे संपर्क किया और धर्मशाला में रखने का आग्रह किया. जिसके बाद हमने उन्हें यहां पर रखा. साथ ही संवाददाता और हम लोगों ने आर्थिक मदद कर उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई.

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Published : Jun 7, 2020, 12:09 PM IST

patna
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भागलपुरःजिले के परशुरामचक नवाटोली में होली मनाने मायके आई संगीता लॉकडाउन होने के कारण यहीं फंस गई. जिसके बाद गुरुवार को संगीता के दादाजी ने उसे धक्के मार कर घर से बाहर निकाल दिया.

दरअसल संगीता के मायके में कमाने वाले अकेले केवल दादाजी है और घर में खाने वाले तीन लोग है. संगीता के पति और बच्चों के जाने के बाद उन पर बोझ और बढ़ गया था. ऊपर से लॉकडाउन के कारण कमाई का कोई साधन नहीं रहा. दादाजी मजदूरी करके सभी का भरण पोषण करते थे.

लॉकडाउन के कारण मायके में फंसी नवविवाहिता
वहीं, भागलपुर रेलवे स्टेशन पर रो रही संगीता पर भागलपुर ईटीवी भारत संवाददाता की नजर पड़ी. जिसके बाद संवाददाता ने पीड़िता की मदद करने के लिए क्षेत्र के अंचलाधिकारी से बातचीत कर संगीता और उसके पति और बच्चे को दल्लू बाबू धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था कराई. जहां वह गुरुवार से रुकी हुई है. पीड़िता को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसका ध्यान रखा जा रहा है.

पीड़ित दंपत्ति
मायके आई नवविवाहिता को घर वालों ने निकाला
संगीता ने बताया कि होली के पहले अपने मायके होली मनाने के लिए आई थी और होली के बाद ही लॉकडाउन लगा दिया गया. इसलिए अपने ससुराल नहीं जा सकी. लॉकडाउन लगने के एक दिन पहले माता और पिता जी अपने रिश्तेदार के यहां चले गए और वहीं फंस गए और हम लोग परशुराम चक में ही रह गए. ऐसे में दादाजी खाना-पीना देते थे. लेकिन धीरे-धीरे हम लोग उनके लिए बोझ लगने लगे. फिर उन्होंने मारपीट करना शुरू कर दिया और मारपीट करते हुए घर से धक्का देकर निकाल दिया. स्टेशन पर रिपोर्टर मिले जिसने मदद की. अंचल अधिकारी से बात कर धर्मशाला में ठहरने की व्यवस्था कराई.
देखें पूरी रिपोर्ट

दादाजी ने धक्के मार कर संगीता को घर से निकाला
पति योगेश ने बताया कि होली मनाने के लिए परशुरामचक नवाटोली अपने ससुराल बीवी बच्चे के साथ आए थे. लेकिन होली के कुछ दिन बाद ही लॉकडाउन लगा दिया गया. हम अपनी बीवी और बच्चे के संग ससुराल में ही रह गए. ऐसे में दादा जी ने हम लोगों को खाना-पीना दिया. लेकिन लॉकडाउन लंबा खींच गया. जिस वजह से हम उन पर बोझ लगने लगे और मेरी बीवी के साथ दादाजी मारपीट करने लगे और धक्का देकर घर से निकाल दिया. स्टेशन पर ईटीवी के संवाददाता से मुलाकात हुई और उन्होंने अधिकारी से बातचीत कर हम लोगों के ठहरने की व्यवस्था कराई.

पीड़िता

ईटीवी भारत संवाददाता ने की मदद
समाजसेवी अशोक जीवराजीका ने कहा कि ईटीवी भारत के संवाददाता को दंपत्ति स्टेशन पर रोते हुए मिला. जिसके बाद उन्होंने हमसे संपर्क किया और धर्मशाला में रखने के लिए आग्रह किया. जिसके बाद हमने उन्हें यहां पर रखा. साथ ही संवाददाता और हम लोगों ने आर्थिक मदद कर उनके खाने-पीने की व्यवस्था कराई.

अंचल अधिकारी सोनू भगत ने कहा कि गुरुवार को ईटीवी भारत के रिपोर्टर ने हम से संपर्क किया और इस दंपत्ति के बारे में बताया था. जिसके बाद हमने इन लोगों की मदद की. रहने खाने की व्यवस्था कराई. अब इन लोगों का टिकट भी बन गया है.

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