भागलपुर: जिले में वन सप्ताह के दूसरे दिन डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया गया. यह प्राकृतिक विज्ञान केंद्र सुंदरवन में पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग बिहार सरकार तत्वाधान में मनाया गया. इस दौरान डॉल्फिन संरक्षण को लेकर कार्यशाला का बी आयोजन किया गया. इसमें प्राकृतिक और वन्य जीव संरक्षण से जुड़े अधिकारी और कार्यकर्ताओं के डॉल्फिन मित्र शामिल हुए.
एक सप्ताह मनाया जाता है वन्य प्राणी सप्ताह दिवस
भारत में 2 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक वन सप्ताह दिवस मनाया जाता है. इस दौरान केंद्र और राज्य सरकार पर्यावरणविद, वनजीव कार्यकर्ताओं के माध्यम से लोगों में वन जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाता है. वन सप्ताह के अवसर पर अलग-अलग क्षेत्रों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. इससे अधिक से अधिक लोगों तक वनप्राणी के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाई जा सके और उनका संरक्षण किया जा सके.
वन्य प्राणी सप्ताह के दूसरे दिन डॉल्फिन दिवस
इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए वन प्रमंडल अधिकारी एस सुधाकर ने बताया कि वन्य प्राणी सप्ताह के तहत उस के दूसरे दिन डॉल्फिन दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान जिले में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे कि लोगों के बीच वन्य प्राणी संरक्षण को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके. उन्होंने कहा कि वन्य प्राणी संरक्षण तभी हो सकता है जब लोग जागरूक होंगे. उनके घटने से लोगों पर क्या सीधा प्रभाव पड़ने वाला है उसके बारे में जानकारी हो.
लोगों में फैलाई जाए जागरुकता
केंद्र और राज्य सरकारों व पर्यावरणविदों के माध्यम से लोगों में वन्य जीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता में तेजी लाने के लिए विभिन्न गतिविधियां इस दौरान आयोजित किए जाते हैं. भारत में विभिन्न वन प्रजातियों का विशाल भंडारण है. इस दौरान स्कूलों और शिक्षण संस्थानों में बच्चों के लिए वनों से संबंधित निबंध लेखन चित्रकला भाषण संभाषण इस प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है.
1956 से मनाया जा रहा यह दिवस
भविष्य में वन प्राणियों की समाप्ति की आशंका के कारण भारत में सबसे पहले 7 जुलाई 1955 को वन्य प्राणी दिवस मनाया गया. उसी दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि प्रत्येक वर्ष 2 अक्टूबर से पूरे सप्ताह तक वन्य प्राणी सप्ताह मनाया जाएगा. वहीं वर्ष 1956 से ही वन्य प्राणी सप्ताह दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है.