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Bhagalpur News: डॉक्टर ने दी बच्चे को एक्सपायरी वैक्सीन, परिजनों ने काटा बवाल

बिहार के भागलपुर में होली फैमिली हेल्थ सेंटर निजी क्लिनिक में डॉक्टर के एक्सपायरी वैक्सीन लगाने पर बच्चे के परिजनों ने बवाल काटा. आरोप है कि डॉक्टर ने 6 माह के बच्चे को इनफ्लुएंजा और टाइफाइड की एक्सपायरी वैक्सीन दे दी. जिसके बाद काफी देर तक अस्पताल में इसको लेकर परिजनों ने हंगामा किया. आगे पढ़ें पूरी खबर...

भागलपुर में होली फैमिली हेल्थ सेंटर
भागलपुर में होली फैमिली हेल्थ सेंटर

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Published : May 7, 2023, 7:33 AM IST

भागलपुर में होली फैमिली हेल्थ सेंटर में बवाल

भागलपुर:बिहार के भागलपुर जिला के तिलकामांझी क्षेत्र में स्थित होली फैमिली हेल्थ सेंटर (Holy Family Health Center in Bhagalpur) में डॉक्टर ने 6 महीने के बच्चे को एक्सपायरी वैक्सीन लगा दी है. वैक्सीन लगाने के लिए अस्पताल परिसर में शिविर लगाया गया था, जहां इसाकचक बिसहरी स्थान के पास के रहने वाले विशाल सिन्हा के 6 महीने के बेटे समृद्ध को डॉक्टर ने इनफ्लुएंजा और टाइफाइड की एक्सपायरी वैक्सीन लगा दी. एक्सपायरी वैक्सीन लगाने को लेकर बच्चे के परिजन ने अस्पताल परिसर में जमकर बवाल काटा.

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डॉक्टर ने लगाई एक्सपायरी वैक्सीन:बच्चे कोवैक्सीन लगाने के बाद परिजनों ने देखा कि वो दवा पहले ही एक्सपायर हो चुकी है. जिसके बाद परिजनों शोर मचाना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे बात आसपास के इलाके में फैल गई शोर-शराबा होने पर किसी ने इसकी सूचना थाने को दे दी. तिलकामांझी और बरारी थाना के थानाध्यक्ष भी होली फैमिली हेल्थ सेंटर पहुंच गए. परिजनों का साफ तौर पर कहना है कि 6 महीने के बच्चे को यहां डॉक्टर ने इनफ्लुएंजा और टाइफाइड की एक्सपायरी वैक्सीन लगा दी है. इससे बच्चे के साथ कभी भी कुछ हो सकता है.

"6 महीने के बच्चे को यहां डॉक्टर ने इनफ्लुएंजा और टाइफाइड की एक्सपायरी वैक्सीन लगा दी है. इससे बच्चे के साथ कभी भी कुछ हो सकता है. इस अस्पताल के डॉक्टर का डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द होना चाहिए."-बच्चे के परिजन

डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द कराने की मांग:अस्पताल परिसर में परिजनों ने बवाल काटते हुए डॉक्टर का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की भी बात कह दी. वहीं डॉक्टर ने बताया यह गलती मेरे से हुई है लेकिन यह गलती जानबूझकर नहीं की गई है. मैं अपने इस गलती को स्वीकार करता हूं. मैंने चश्मा नहीं पहना था इस कारण एक्सपायरी दवा नहीं देख पाया. अब सवाल यह उठता है कि जिस डॉक्टर के विश्वास पर मरीज कुशल होने जाते हैं. अगर वही ऐसी चूक करेंगे तो मरीज किस के पास जाएंगे.

"यह गलती मेरे से हुई है लेकिन यह गलती जानबूझकर नहीं की गई है. मैं अपने इस गलती को स्वीकार करता हूं. मैंने चश्मा नहीं पहना था इस कारण एक्सपायरी दवा नहीं देख पाया."- डॉक्टर

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