भागलपुर:कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर में अब तक बिहार में प्राथमिक से लेकर उच्च-माध्यमिक तक के कुल 760 शिक्षक, पुस्तकालय अध्यक्ष और कर्मियों की मौत कोरोना से हो चुकी है. ऐसे में शिक्षकों के आश्रितों के लिए शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से विशेष राहत और मुआवजा देने की मांग की है. भागलपुर में भी अबतक लगभग 30 शिक्षकों की कोरोना से मौत हो चुकी है.
भागलपुर: कोरोना काल में मरने वाले शिक्षकों के आश्रितों को सहायता राशि देने की मांग - शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति
कोरोना काल में मरने वाले शिक्षकों के आश्रितों के लिए शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से विशेष राहत और मुआवजा देने की मांग की है. इसके अलावा क्वारन्टाइन सेंटर और रेलवे कोविड सेंटर और वैक्सीनेशन सेंटर में लगाए गए शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर की तरह सुविधा दी जानी चाहिए.
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शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा का लाभ दिया जाए
बिहार पंचायत नगर शिक्षक संघ प्रदेश की उपसचिव सुप्रिया सिंह ने बताया कि प्राथमिक से लेकर उच्च-माध्यमिक तक के जो भी शिक्षक कोरोना काल में मृत हुए हैं. उनके आश्रितों को बिना देर किए हुए प्राथमिकता के आधार पर अनुकंपा का लाभ दिया जाए. साथ ही मृत सभी शिक्षक जिनकी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है या फिर डॉक्टर ने मौत का कारण कोरोना बताया है. उन्हें मुख्यमंत्री राहत कोष से 4 लाख की सहयोग राशि दी जाए और 50 राख की घोषित इंश्योरेंस की राशि दिया जाए. टीकाकरण में प्राथमिकता के आधार पर शिक्षकों का टीकाकरण किया जाना चाहिए.
बिना फ्रंटलाइन वर्कर की सुविधा के ड्यूटी पर लगे शिक्षक
जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि अब तक भागलपुर में 30 शिक्षकों का रिपोर्ट विभाग को मिला है. सभी की रिपोर्ट विभाग में जमा करने के लिए कहा गया है. ऐसे शिक्षकों के आश्रितों को आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा चार लाख की राशि का लाभ दिया जाएगा. इसके अलावा शिक्षकों को फ्रंटलाइन वर्कर की तरह सुविधा दी जाएगी. क्योंकि, शिक्षकों को क्वारन्टाइन सेंटर और रेलवे कोविड सेंटर और वैक्सीनेशन सेंटर में लगाया गया था, लेकिन उन्हें फ्रंटलाइन वर्कर की तरह सुविधा नहीं दी गई.