भागलपुरः भीषण गर्मी की वजह से जिले में लगातार जल संकट गहराता जा रहा है. जिसको लेकर आए दिन प्रशासनिक पदाधिकारियों की बैठक बदस्तूर जारी है. पानी नहीं मिलने की वजह से शहर के लोग सबमर्सिबल बोरिंग करवा रहे हैं. जल संरक्षण विभाग के अनुसार सबमर्सिबल डीप बोरिंग घटते जलस्तर की एक बड़ी वजह है.
बड़ी समस्या बन कर उभर रहा जल संकट
भागलपुर में जलस्तर दिन-ब-दिन नीचे गिरता जा रहा है. पिछले वर्ष भागलपुर में जलस्तर 80 से 90 फीट पर था. जबकि वर्तमान में जलस्तर 130 फीट के आसपास पहुंच चुका है, जो कि काफी चिंताजनक है. आए दिन जल संरक्षण को लेकर बिहार सरकार के मनरेगा विभाग के जरिए भी दिशा निर्देश दिए जा रहे हैं. लेकिन जल संरक्षण को लेकर फिलहाल अभी कोई भी विभाग प्रयास नहीं कर रहा है. भीषण जल संकट और जलस्तर लगातार एक बड़ी समस्या के तौर पर खड़ा हो चुका है. जिसको लेकर भागलपुर के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में भी भीषण जल संकट का लोगों को सामना करना पड़ रहा है.
सबमर्सिबल बोरिंग करते मजदूर गंभीरता से नहीं ले रहा विभाग
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि कुछ दिन पूर्व जल को संरक्षित करने के लिए चिट्ठी तो प्राप्त हुई थी. लेकिन संरक्षण को लेकर जो भी पहल करनी है वह मनरेगा के लोगों को करनी है. तो कहीं ना कहीं अपनी जिम्मेदारी से लोग दरकिनार हो रहे हैं. हर विभाग दूसरे विभाग पर उसकी जिम्मेदारी का हवाला देते हुए पल्ला झाड़ रहे हैं. सरकार जल संरक्षण को लेकर कोई कदम उठाती है तो कहीं ना कहीं इसमें महज खानापूर्ति की जाती है. इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है.
पानी के लिए लाइन में खड़ा बच्चा धड़ल्ले से हो रही सबमर्सिबल बोरिंग
उधर, सबमर्सिबल बोरिंग करने वाले मिस्त्री का कहना है कि महीने में करीब दो से तीन समरसेबल बोरिंग करते हैं. तकरीबन 5 दर्जन से ज्यादा मिस्त्री भागलपुर में समरसेबल डीप बोरिंग का कार्य कर रहे हैं. तो कुल मिलाकर अगर बात करें तो डीप बोरिंग ही एकमात्र अब लोगों के पास उपाय है. जिससे वह अपने पानी की किल्लत को दूर कर सकते हैं. लोग घटते जलस्तर से पानी निकालने के लिए सबमर्सिबल बोरिंग करवा रहे हैं. घटते जलस्तर को देखते हुए लोग पानी की आपूर्ति के लिए दूसरा रास्ता ढूंढ चुके हैं. जबकि जल संरक्षण विभाग के अनुसार सबमर्सिबल डीप बोरिंग घटते जलस्तर की एक बड़ी वजह है.
सबमर्सिबल बोरिंग करते मजदूर और जानकारी देते अधिकारी लोगों को जागरूक होने की जरूरत
पीएचईडी में कार्यरत युवा इंजीनियर शिप्रा का कहना है कि घटते जलस्तर को देखते हुए लोगों को अब जागरूक होने की जरूरत है. जिस तरह से लोग अपना घर बनाते हैं उसी तरह से जल को संरक्षित करने के लिए भी जो आधुनिक प्रक्रिया है उसे अपनाना होगा. जल को संरक्षित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग और सबमर्सिबल बोरिंग के बजाय जो सामूहिक उपाय है उसकी और देखना चाहिए. नहीं तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी विकराल हो जाएगी.