बिहार

bihar

ETV Bharat / state

भागलपुरः कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष लड़ेंगे निर्दलीय चुनाव! विधायक अजीत शर्मा की बढ़ी परेशानी - भागलपुर की खबर

कांग्रेस के 5 साल से अधिक समय तक जिलाध्यक्ष रहे शाह अली सज्जाद ने टिकट नहीं मिलने की स्थिति में निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उनकी इस घोषणा के बाद वर्तमान विधायक अजीत शर्मा भी अपने वोट को बिखरने से रोकने के लिए पार्टी नेताओं से बातचीत कर रहे हैं.

कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष
कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष

By

Published : Sep 9, 2020, 12:53 PM IST

Updated : Sep 19, 2020, 5:09 PM IST

भागलपुरः बिहार कांग्रेस ने अपने चुनावी अभियान की शुरुआत बिहार क्रांति वर्चुअल सम्मेलन के साथ कर दी है. सम्मेलन में कांग्रेस के नेताओं ने प्रदेश सरकार और केंद्र की मोदी सरकार को इस बार सत्ता से बाहर करने की लोगों से अपील की है. लेकिन उसकी यह मंशा कांग्रेस में आपसी गुटबाजी के कारण सफल होती नहीं दिख रही है.

बात कर रहे हैं भागलपुर में कांग्रेस की गुटबाजी की. यहां कांग्रेस में दो फाड़ है. आलम यह है कि कांग्रेस के 5 साल से अधिक तक जिलाध्यक्ष रहे शाह अली सज्जाद ने टिकट नहीं मिलने की स्थिति में पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उनकी इस घोषणा से प्रदेश स्तर के नेताओं की चिंता बढ़ गई है.

पूर्व जिला अध्यक्ष शाह अली सज्जाद से बातचीत करते संवाददाता

'तीन पुश्त से कांग्रेस की सेवा की है'
ईटीवी भारत से बातचीत में कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष शाह अली सज्जाद ने कहा कि पिछले तीन पुश्त से हमने कांग्रेस की सेवा की है. लंबे समय तक भागलपुर से अध्यक्ष भी रहे हैं. इस दौरान कई बार चुनाव लड़ने की मंशा को हमने प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर के नेताओं को जाहिर की थी. लेकिन अनसुना कर दिया गया. उन्होंने कहा कि इस बार तो पार्टी के अध्यक्ष पद पर नहीं हैं. इसलिए हम स्वतंत्र हैं. हमने पार्टी के आलाकमान को चुनाव लड़ने के बारे में बता दिया है.

'टिकट नहीं दिया तो हम चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे'
सज्जाद ने कहा कि हमने नाथनगर से चुनाव लड़ने के बारे में बताया है और पार्टी नेताओं ने हमें आश्वस्त किया है कि आप नाथनगर से चुनाव लड़ेंगे. लेकिन अगर महागठबंधन में सीट बंटवारे में यदि किसी तरह की कोई भी स्थिति बनती है और नाथनगर की सीट कांग्रेस को नहीं मिलती है, भागलपुर से भी अगर टिकट नहीं दिया गया तो हम चुनाव निर्दलीय लड़ेंगे.

कांग्रेस पार्टी का पोस्टर

वहीं, उन्होंने पोस्टर में प्रदेश स्तर के नेताओं की तस्वीर नहीं होने पर कहा कि टिकट देने को लेकर प्रदेश के नेताओं द्वारा सिफारिश की जाती है. तय तो दिल्ली में ही होता है. इसलिए हमने पोस्टर में प्रदेश स्तर के नेताओं की तस्वीर को नहीं लगाया है. हमने राष्ट्रीय स्तर के नेता की तस्वीर को लगाकर पार्टी के प्रति जो हमारा कर्तव्य बनता है, उसका निर्वहन किया है.

विधायक अजीत शर्मा पर साधा निशाना
सज्जाद ने कहा कि वर्तमान विधायक अजीत शर्मा कई बार दूसरे दल से भी चुनाव लड़े हैं. एक बार कांग्रेस के सदानंद सिंह जब भागलपुर से सांसद का चुनाव लड़ रहे थे, उनके खिलाफ वो सपा पार्टी से चुनाव लड़े थे और जब महागठबंधन में फूट हुई थी, उस समय भी अजीत शर्मा का नाम कांग्रेस के 15 नेताओं में से एक था. जो पार्टी के खिलाफ जाने वाले थे. तो ऐसी स्थिति में हमारी दावेदारी भागलपुर से बनती है.

गौरतलब है कि पिछले चुनाव में जदयू, राजद के महागठबंधन से भागलपुर की राजनीतिक ने ऐसी करवट ली की जिले की सातों विधानसभा सीटों पर एक साथ महागठबंधन ने कब्जा किया था और राजग का यहां सफाया हो गया था. इस बार भाजपा जदयू के साथ है. जिले का राजनीतिक समीकरण बदलने की उम्मीद दिख रही है.

बिहार की सियासत में अहम सीट है भागलपुर
भागलपुर ने बिहार की सत्ता और सियासत में शुरू से ही अहमियत रखी है, कांग्रेस और भाजपा के कई दिग्गजों ने यहां से नेतृत्व किया है. इसलिए यहां के गुणा गणित पर राज्य ही नहीं बल्कि दिल्ली की भी नजर रहती है. इस बार भी यहां एनडीए और महागठबंधन के बीच प्रतिष्ठा का चुनाव होने जा रहा है. जिसमें दोनों दलों के बड़े नेताओं के साख की परीक्षा होने वाली है. इसको लेकर अभी से आजमाइश शुरू हो गई है.

Last Updated : Sep 19, 2020, 5:09 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details