भागलपुर:राजधानी समेत पूरे बिहार में इन दिनों अपराध का ग्राफ (Crime Graph In Bihar) लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसे लेकर सीएलपी लीडर अजीत शर्मा (CLP Leader Ajit Sharma) ने कानून मंत्री के बयान का घेराव किया है. उन्होंने कहा कि पता नहीं एनडीए सरकार के मंत्री क्या बोल रहे हैं, उन्हें समझ नहीं है कि सरकार किस तरह से कानून का राज कायम कर सकती है.
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अजीत शर्मा ने कहा कि मंत्री ठीक ही कह रहे हैं कि बिहार में अपराध नहीं रोका जा सकता है. इसका कारण यह है कि सरकार ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया है. सरकार ने कल-कारखाना खोलने का वादा किया था, लेकिन नहीं खोला गया. जिसकी वजह से अपराध तो बढ़ेगा ही.
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'एनडीए के मंत्री क्या बोलते हैं, इसपर मत जाइए. जब राजद और कांग्रेस का शासन काल था, तो मंत्री बोलते थे कि जंगलराज है, तो क्या अभी मंगल राज है? वह कह रहे हैं कि अभी अपराध करने वाले पकड़े जाते हैं, मेरा कहना है कि कहां पकड़े जा रहे हैं और कब पकड़े जा रहे हैं. कानून व्यवस्था सही नहीं है इसलिए उद्योगपति नहीं आ रहे हैं. बिहार में अपराध चरम सीमा पर है. अपराध इसलिए होता है मंत्री जी क्योंकि आप उन्हें रोजगार नहीं दे रहे हैं. अपराध तभी रुकेगा, जब युवाओं को रोजगार दिया जाएगा.' -अजीत शर्मा, सीएलपी लीडर
अजीत शर्मा का कहना है कि दिन-प्रतिदिन बढ़ते अपराध के कारण उद्योगपतियों को बिहार आने में डर लगता है. बिहार में कल-कारखाना खोलने के लिए सबसे पहले अपराध को रोकना जरूरी है. उन्होंने कानून मंत्री से कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था दुरुस्त की जाए. ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार दिया जाए.
लीडर अजीत शर्मा ने कहा कि कानून मंत्री भागलपुर आकर दो बयान देते हैं. एक तो अपराध नहीं रोके जा सकते है और दूसरी ओर इंग्लैंड में भी अपराध होता है. उन्होंने मंत्री से कहा कि आप बिहार की सरकार में हैं, तो आप यहां की बात करिए. लंदन, अमेरिका की बात मत कीजिए.
उन्होंने कहा कि भागलपुर जिला कृषि प्रधान जिला है. यहां धान, गेहूं, मक्का, केला, लीची और आम की फसलें बहुत अधिक मात्रा में होती हैं. यहां कृषि आधारित कल-कारखाने नहीं लगाए गए हैं. लोगों के पास कमाई का कोई साधन नहीं है, तो अपराध तो होगा ही. इसके साथ ही कहा कि भागलपुर सिल्क सिटी के नाम से जाना जाता है. लेकिन यहां हवाई सेवा तक नहीं शुरू की गई है.
अजीत शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते हैं कि भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं होगा, लेकिन बिहार में शराब बंदी योजना भी तो फेल हो रही है. शहर-शहर, गांव-गांव, कस्बे-कस्बे में शराब बिक रहा है. इसमें किसकी मिलीभगत है, सब जगजाहिर है.
पुलिस की मिलीभगत से माफिया शराब का धंधा कर रहे हैं. पुलिस की ही मिलीभगत से बालू माफिया अवैध खनन कर रहे हैं. और तो और पुलिस की मिलीभगत से ही अपराधी अपराध को अंजाम दे रहे हैं. जिस तरह से बहुत बड़े-बड़े अफसर अपराधियों के साथ गांठ कर पैसा कमा रहे हैं, तो अपराध कहां से रोका जा सकता है. पुलिस पर से सरकार का नियंत्रण कमजोर पड़ रहा है. वहीं, पदाधिकारी वसूली में लगे हुए हैं.