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स्कूल फीस, बिजली और पानी का बिल हो माफ, कोरोना काल में त्रस्त है जनता -अजीत शर्मा - बिजली बिल माफ

अप्रैल के पहले हफ्ते तक बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा लॉकडाउन लगाने की मांग कर रहे थे. लेकिन अभी के हालात देख कर वे इसके खिलाफ हो गए हैं. उनका कहना है कि बिहार में ऐसे भी लोग भीतर ही रहने लगे हैं. अब लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है. उन्होंने स्कूल फीस, बिजली और पानी का बिल माफ करने की मांग की है.

अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता
अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता

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Published : Apr 28, 2021, 10:25 AM IST

भागलपुर: बिहार में लॉकडाउन जैसी स्थिति बन चुकी है. लोग घरों में ही रहने लगे हैं. इसलिए लॉकडाउन की कोई जरूरत नहीं है. यह बातें बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कही. उन्होंने कहा, अप्रैल के पहले सप्ताह में मैंने लॉकडाउन लगाने की बात जरूर की थी. लेकिन अब हालात बदल गए हैं. इस कारण लॉकडाउन नहीं लगाना चाहिए. उन्होंने स्कूल फीस, बिजली और पानी का बिल माफ करने की मांग की है.

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जीतन राम मांझी ने भी कही थी अपनी बात
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल कई बार बिहार में लॉकडाउन लगाने को लेकर मुख्यमंत्री से बात कर चुके हैं. इससे पहले भी बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने भी लॉकडाउन लगाने की मांग की थी. वहीं, बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इसके विपरीत लॉकडाउन नहीं लगाने की बात कह रहे हैं. उन्हें लॉकडाउन पर आपत्ति है.

'2020 से लेकर अभी तक के सभी बिजली, पानी, होल्डिंग टैक्स और स्कूल फीस सरकार को माफ कर देने चाहिए. लॉकडाउन के कारण और वर्तमान में लगे नाइट कर्फ्यू और बंदी के कारण लोगों को काफी नुकसान हुआ है. रोजगार ठप हो गया है, कमाई नहीं हो पा रही है, इसलिए अब केंद्र और राज्य सरकार को गरीब सहित सभी लोगों के लिये सरकारी और गैर-सरकारी स्कूल शुल्क माफ करने की घोषणा करनी चाहिए. अभी की वर्तमान स्थिति के कारण सभी लोग अब घरों में बंद हो चुके हैं. ऐसे लोगों तक राशन मुफ्त में पहुंचाया जाए.'-अजीत शर्मा, कांग्रेस विधायक दल के नेता

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केंद्र सरकार ने नहीं की तैयारी
अजीत शर्मा ने केंद्र सरकार पर बरसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने वक्त रहते हुए कोई कदम नहीं उठाया. 1 वर्ष पूर्व ही कोरोना की दूसरी लहर की जानकारी मिलने के बाद भी सरकार ने तैयारी नहीं की. जिसका असर अभी देखने को मिल रहा है.

उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पतालों में कुव्यवस्था है. जिससे लोग नाराज होकर हंगामा कर रहे हैं. ऑक्सीजन की कमी जगजाहिर है. अस्पताल में साफ-सफाई व्यवस्था चरमरा गई है. इसलिए सरकार इसमें दोषी हैं. उन्होंने कहा कि भारत के अलावा बांग्लादेश और कई ऐसे देश हैं, जिन्होंने कोरोना की दूसरी लहर को लेकर तैयारी पूरी कर ली थी. स्थिति यह है कि अभी कई छोटे देश भारत को मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं.

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