भागलपुर: महागठबंधन के सुल्तानगंज से कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव पर चेक बाउंस के मुकदमे को लेकर भागलपुर पुलिस ने घंटों पूछताछ की. पूछताछ के दौरान फोन पर ललन यादव ने अपने वकील से भागलपुर सिटी एएसपी सहित सभी वरीय पदाधिकारी से बात करवाई, जिसके बाद पुलिस ने संतुष्ट होकर उन्हें जाने की इजाजत दी.
कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव से पुलिस ने किया घंटो पूछताछ. 4 जून को कराया गया था मामला दर्ज
भागलपुर के सुल्तानगंज थाने की पुलिस 80 लाख रुपये चेक बाउंस के मामले में उन्हें हिरासत में लेने के लिए निर्वाचित पदाधिकारी कार्यालय पहुंची थी. मामला पटना के एसकेपुरी थाने से जुड़ा है. दरअसल कांग्रेस नेता के ऊपर एसकेपुरी थाने में पटना के आभूषण दुकानदार धीरज कुमार ने 4 जून को मामला दर्ज कराया था, जिसके बाद पुलिसिया कार्रवाई होने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. इस दौरान कांग्रेस नेता ने भागलपुर पुलिस पर इंग्लिश नहीं जानने का आरोप लगाते हुए कहा कि उक्त मामले में सुप्रीम कोर्ट से बेल मिला हुआ है, बेल की कॉपी अंग्रेजी में लिखी हुई थी, जिसे दिखाने के बावजूद पुलिस समझ नहीं पा रही थी. बेल की कॉपी को वरीय पदाधिकारी को व्हाट्सएप के जरिए भेजा गया. तब जाकर मुझे जाने की इजाजत दी है. उन्होंने कहा कि भागलपुर पुलिस सत्ताधारी पार्टी के दबाव में आकर लोकतंत्र की गला घोटना चाहती है.
'एसएचओ लेवल के अधिकारी को नहीं आई अंग्रेजी'
सुल्तानगंज कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव ने कहा कि चेक बाउंस के मामले में सुप्रीम कोर्ट से 6 महीने पहले ही बेल मिलने के बावजूद भागलपुर पुलिस के एसएचओ लेवल के अधिकारी बेल के पेपर को नहीं पढ़ पा रहे थे. उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी. बेल के पेपर अंग्रेजी में लिखा था. घंटों पूछताछ करने के बाद वरीय पदाधिकारी को बेल का पेपर भेजा गया. तब मुझे जाकर छोड़ा गया. उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दलों के इशारे पर पुलिस यह काम कर रही थी. सत्ताधारी दल पुलिसिया कार्रवाई से विपक्ष की आवाज को दबाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पूरे देश में सत्ताधारी दल विपक्ष की आवाज को दमनकारी नीति के तहत दबाना चाहती है वहीं काम भागलपुर पुलिस भी कर रही है.
80 लाख रुपये का चेक बाउंस का था मामला
कांग्रेस नेता के ऊपर पटना के बोरिंग रोड स्थित नवरत्न ज्वेलर्स एंड ब्रदर्स नामक आभूषण दुकानदार के मालिक धीरज कुमार ने 80 लाख रुपये चेक बाउंस का मामला दर्ज कराया था. ललन यादव ने 7 मार्च 2018 को दुकान से 80 लाख रुपए का गहना खरीदने के बाद उसके एवज में एसबीआई पर्सनल बैंक बोरिंग रोड शाखा का चेक दिया. दुकानदार ने 30 अप्रैल को चेक जमा किया. वह बाउंस कर गया. 10 मई को दुकानदार ने ललन को लीगल नोटिस भेजा, जवाब नहीं मिला. बाद में धीरज ने 4 जून को एसकेपुरी थाने में मामला दर्ज कराया.
यह भी जानिए ललन यादव ने 14 मई को चेक बुक चोरी का केस दर्ज कराया. साथ ही अपने सहयोगी राजेश पासवान से उसी थाने में धीरज पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया. यही नहीं ललन यादव ने बैंक की डेट से उसी चेक के गुम होने का स्टेशन डायरी कोतवाली थाने में दर्ज कराया, जो जांच में फर्जी पाया गया. इस मामले में एसकेपूरी थाने के मुंशी के साथ फर्जी स्टेशन डायरी करने वाले कोतवाली थाने के दरोगा विक्रमादित्य समेत दो को भी निलंबित किया गया था.
दरअसल पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन कांग्रेस प्रत्याशी ललन यादव भागलपुर निर्वाचित पदाधिकारी कार्यालय अपनी नामांकन की कॉपी लेने के लिए पहुंचे थे. इसी दौरान उनसे पुलिस ने पूछताछ की थी.