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Bhagalpur News: सृजन घोटाले के आरोपी के खिलाफ कार्रवाई तेज, हाजिर नहीं हुए तो संपत्ति होगी अटैच

बिहार के चर्चित सृजन घोटाला के आरोपी के खिलाफ एक बार फिर सीबीआई ने कार्रवाई की है. घोटाले मामले में फरार आरोपी अमित कुमार, मनोरमा देवी और बैंक मैनेजर सुमित कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है. सीबीआई कोर्ट के आदेश पर आरोपी के घर नोटिस लगाया गया, जिसमें हाजिर होने का आदेश दिया गया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Apr 19, 2023, 6:44 PM IST

भागलपुरः बिहार के चर्चित भागलपुर सृजन घोटाला (Srijan scam In Bhagalpur) में एक बार फिर सीबीआई एक्शन में आ गई है. सृजन घोटाला की जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम भागलपुर पहुंची. बुधवार को कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की टीम और पुलिस आरोपी अमित कुमार और मनोरमा देवी के आवास पर पहुंची. इस दौरान टीम ने दोनों के मकान पर नोटिस लगाया. अमित कुमार और मनोरमा देवी के चार मकानों पर ढोल बजाकर 82 का नोटिस लगाया.

यह भी पढ़ेंःसृजन घोटाला: आरोपियों पर कसा शिकंजा, अमित और रजनी प्रिया की संपत्ति सील करेगी CBI

लंबे समय से फरार हैं आरोपीः दूसरी ओर इंडियन बैंक के ब्रांच मैनेजर सुमित कुमार के मकान पर भी टीम ने 82 का नोटिस लगाया. बता दें कि इस घोटाले के आरोपी अमित कुमार और रजनी प्रिया फरार हैं. बैंक मैनेजर सुमित कुमार पिछले 6 महीने से फरार चल रहा है. कोर्ट की ओर से नॉन बेलेबल वारंट जारी करने के बावजूद भी कोर्ट में उपस्थित नहीं पाए हैं, जिसके बाद इनके विरुद्ध सीबीआई कोर्ट की ओर से नोटिस देने का आदेश दिया गया है. इसी को देखते हुए सीबीआई की टीम ने आरोपी के घर पर नोटिस लगाया.

नोटिस में क्या हैःसृजन घोटाला के आरोप लंबे समय से फरार चल रहे हैं. वारंट जारी होने के बाद भी आरोपी की गिरफ्तार नहीं हो पाई है न ही आरोपी ने कोर्ट में खुद को सरेंडर किया है, जिसे देखते हुए सीबीआई कोर्ट ने एक बार फिर नोटिस जारी किया है. 83 का नोटिस लगाया गया है, जिसमें आरोपी को हाजिर होने का आदेश दिया गया है. अगर आरोपी नियत समय पर हाजिर नहीं होते हैं तो इनकी संपत्तियों को सीबीआई अटैच कर लेगी.

क्या है मामलाः बता दें कि भागलपुर के गैर सरकारी संस्थान सृजन के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई सरकारी राशि का बंदर बांट किया गया है. इस मामले में करीब 1900 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया था. इस घोटाले में सरकारी फंड का गलत इस्तेमाल किया गया था. इस मामले में अब तक कई बैंक मैनेजर औक कर्मी जेल में हैं, लेकिन मुख्य आरोपी अब तक फरार चल रहे हैं. मामला सामने आने के बाद 25 अगस्त 2017 को इसकी जांच सीबीआई के हवाले की गई थी.

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