भागलपुर: बिहार के भागलपुर से बड़ी खबर आ रही है. सीबीआई ने सृजन घोटाला में बड़ी कार्रवाई की है. सीबीआई ने सृजन घोटाले में बैंक अधिकारी गिरफ्तार किया है. बांका में तैनात को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार गुप्ता को पकड़ा (Co operative bank officer arrested In Srijan Scam) है. फिलहाल सीबीआई के अधिकारी उनसे पूछताछ कर रहे हैं.
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कोर्ट के आदेश पर सीबीआई की दबिश: भागलपुर के सबसे बड़े सृजन घोटाले में कई लोगों को सजा दी जा चुकी है. कई लोगों को सजा के बिंदुओं पर रखा गया है. उसी बाबत गुरुवार को भागलपुर सृजन घोटाला मामले में सीबीआई की दबिश फिर से चालू हो गई है. कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार अशोक को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें आज सदर अस्पताल में मेडिकल के लिए लाया गया था. कोर्ट के आदेश पर सीबीआई 8 दिनों से छानबीन कर रही थी.
900 करोड़ का सृजन घोटाला: गौरतलब है कि 900 करोड़ रुपए का सृजन घोटाला 2017 में उजागर हुआ था. तब से लेकर आज तक कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. साथ ही कई लोगों के अवैध संपत्ति को सरकार ने जप्त भी किया. इसी बाबत आज बांका के कॉपरेटिव बैंक के अधिकारी अशोक कुमार अशोक को भी सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. कोर्ट के आदेश पर सीबीआई 8 दिनों से पूछताछ कर रही थी. उसे मेडिकल जांच के लिए सदर अस्पताल लाया गया था.
27 पर हो चुकी है चार्जशीट:सृजन घोटाला मामले में सीबीआई ने जांच तेज कर दी है. जिसके तहत सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को उपस्थिति के लिए समन जारी किया था. सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट विशेष अदालत में दाखिल कर दी है. जिसके बाद सीबीआई के वकील के अनुरोध पर हाल में आरोपित केपी रमैया समेत नौ के खिलाफ वारंट जारी करने का आदेश दिया गया. सीबीआई के द्वारा सृजन घोटाले मामले में 27 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. यह मामला करोड़ों रुपए के गबन से जुड़ा हुआ है.
पूर्व डीएम केपी रमैया समेत 9 के खिलाफ हुआ था वारंट जारी: इससे पहले भागलपुर के पूर्व डीएम केपी रमैया ने 2014 में नौकरी से वीआरएस लेकर जेडीयू ज्वाइन किया था. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें लोकसभा चुनाव में सासाराम से प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. सृजन घोटाले मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा पूर्वी डीएम केपी रमैया समेत नौ लोगों की गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था.
2017 में घोटाले का हुआ था पर्दाफाश:साल 2017 में घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब जिला तत्कालीन जिलाधिकारी के हस्ताक्षर से जारी बैंक चेक पर्याप्त राशि नहीं होने के कारण वापस कर दिया गया. अनुमान के मुताबिक सृजन घोटाले में सरकार को 5000 करोड़ से अधिक की क्षति हुई. घोटाले की जांच आज की तारीख में सीबीआई कर रही है और कई सफेदपोश और बड़ी मछलियां कार्रवाई की जद से बाहर है.
घोटाले में कई लोग हो चुके हैं गिरफ्तार:सृजन घोटाल में कई बड़े पदाधिकारी की संलिप्तता की बात सामने आई थी. बड़े सफेदपोश नेता भी इसमें चर्चा में आए थे. इसी वजह से सीबीआई की जांच सृजन घोटाले में धीमी हो गई थी. आम लोगों के बीच चर्चा आम है कि सरकार की मिलीभगत की वजह से ही इस घोटाले में सही से सीबीआई के द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है.