भागलपुर:बिहार में शिक्षा विभाग बदलाव का ही असर है कि शिक्षा की सूरत में भी बदलाव देखने को मिल रहा है. सबसे बड़ी बात ये कि अब आंगनबाड़ी केंद्र को प्ले स्कूल के तर्ज पर बनाया जा रहा है, जिसके कारण बच्चे यहां आने के लिए उत्साहित रहते हैं.
भागलपुर में प्ले स्कूल की तर्ज पर आंगनबाड़ी केंद्र: इसी कड़ी में जब ईटीवी भारत की टीम नवगछिया पुलिस जिला के कदवा के पकड़ा टोला में पहुंची तो वहां मनरेगा के द्वारा निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र को विशेष प्रकार से सजाया गया है. बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्र को मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र की उपाधि दी गई है. वहीं मनरेगा द्वारा क्षेत्र अंतर्गत विभिन्न पंचायत में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने का निर्देश विभाग द्वारा आया है.
खेल-खेल में पढ़ाई:वहीं आंगनबाड़ी केंद्र की सेविका का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र में हुए पेंटिंग एवं कलाकृतियों के बनने के बाद बच्चे पढ़ाई में काफी दिलचस्पी ले रही है. बच्चे आसानी से अपने प्रारंभिक शिक्षा के बारे में जानकारी ले सकते हैं और पढ़ाई में भी आसानी हो रही है. बच्चे खेल-खेल में सभी चीज सीख रहे हैं.
बिहार का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र: आपको बता दें कि भागलपुर जिले के डीसी अनुराग कुमार ने 2 महीने पूर्व ही इस आंगनबाड़ी केंद्र को सेविका को हैंडओवर किया है. 2 महीने पूर्व डीडीसी अनुराग कुमार ने आंगनबाड़ी केंद्र का दौरा किया था, जहां पर उन्होंने बताया था कि यह आंगनबाड़ी केंद्र मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र के रूप में स्थापित है और यह बिहार का पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र है.
"हमारे यहां 40 बच्चे हैं. दो महीने पहले हमें इस भवन का हैंडओवर मिला है. बिहार का यह पहला मॉडल केंद्र है. फिलहाल 35 बच्चे आ रहे हैं. खराब मौसम के कारण बच्चों की संख्या कम है. खाना-पीना भी समय पर दिया जाता है." -उषा कुमारी,सेविका
केके पाठक के प्रयास का असर: आपको बता दे की केके पाठक के प्रयास से यहां बच्चे भी अब स्मार्ट होंगे. बिहार में लगातार शिक्षा विभाग को लेकर केके पाठक एक नई मुहिम के साथ जुड़े हुए हैं. उन्होंने स्कूलों के साथ-साथ आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भी अत्यधिक एवं खूबसूरत भवन देने की पहल की है, उसी का नतीजा ये केंद्र है.