पटनाःबिहार के भागलपुर में हुए विस्फोट मामले (Bhagalpur blast case) में प्रदेश के डीजीपी का बयान (Bihar DGP SK Singhal) आया है. डीजीपी एसके सिंघल ने कहा कि यह विस्फोट एक घर में हुआ है, जहां बिना लाइसेंस पटाखा बनाने का कारोबार सालों से चल रहा था. इसकी सूचना स्थानीय थाने को भी थी, लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई. मामले में स्थानीय थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया गया है. अब इस मामले की जांच एटीएस की टीम करेगी.
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गुरुवार रात हुए विस्फोट से 14 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग जख्मी हैं. वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है कि भागलपुर के इन घरों में विस्फोट हुए हैं. साल 2002 में भी इन घरों में विस्फोट हुए थे, जिसमें 4 लोगों की मौत हो गई थी.
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डीजीपी ने जानकारी देते हुए बताया कि लीलावती देवी के घर में यह धमाका हुआ, जिसमें अकेले उनके परिवार के पांच लोगों की जान गई है. उन्होंने बताया कि आज से करीब 20 साल पहले भी काजवलीचक मुहल्ले में पटाखा बनाने के दौरान विस्फोट हुआ था. 24/10/2002 को हुए विस्फोट केस में तरातपुर थाने में मामला भी दर्ज किया गया था.
उस ब्लास्ट के बाद मामले को ठंडे बस्ते में रख दिया गया, जिसका नतीजा ये हुआ कि 14 लोगों की जान फिर चली गई. डीजीपी ने बताया कि घटनास्थल पर लोगों के रेस्क्यू के दौरान पटाखा बनाने के रैपर, प्लास्टिक सीट, बारूद सहित अन्य सामान मिले हैं.