भागलपुर : बिहार के भागलपुर( Bhagalpur News ) जिले और पूर्वी बिहार का सबसे बड़ा अस्पताल कहे जाने वाले जवाहर लाल नेहरु मेडिकल ( JLNMCH ) में एंबुलेंस सुविधा का घोर अभाव है. आलम यह है कि मात्र तीन एंबुलेंस के भरोसे अस्पताल निर्भर है. गंभीर रोगियों को बाहर ले जाने के लिए रोगी के परिजनों को एंबुलेंस के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. इस अस्पताल से डीएमसीएच ( DMCH ), पीएमसीएच ( PMCH ) या फिर अन्य अस्पतालों के लिए रेफर किए गए रोगियों को एंबुलेंस आसानी नहीं मिल पाता है. ऐसे में जिले में निजी एम्बुलेंस संचालकों चांदी है.
700 मरीज पर मात्र तीन एम्बुलेंस
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में 700 बेड का कोविड अस्पताल बनाया गया है. इसमें महज तीन एंबुलेंस सरकारी हैं. उसमें से एक एंबुलेंस पटना रेफर करने के लिए जबकि दूसरा एंबुलेंस गर्भवती महिला को भागलपुर आसपास के अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए और तीसरा अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. इसे गंभीर मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए लगाया जाता है. यही वजह है कि अस्पताल में भर्ती मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करने के लिए मरीज के परिजन प्राइवेट एंबुलेंस के लिए मुंह मांगे किराया देने को मजबूर हैं.
13 जिलों से यहां आते हैं मरीज
पूर्वी बिहार के लगभग 13 जिले और झारखंड के साहिबगंज गोड्डा के मरीज आते हैं. इतने बड़े अस्पताल में महज तीन एंबुलेंस होना स्वास्थ्य व्यवस्था की बदहाली बताती है. जेएलएनएमसीएच अधीक्षक डॉ. एके दास ने कहा कि अस्पताल में 5 एंबुलेंस की कम से कम जरूरत है. लेकिन अभी तीन एंबुलेंस है. दो 2 एंबुलेंस अब विधायक निधि फंड से अस्पताल को मिलने वाला है. जिसको लेकर विधायक ने संपर्क किया गया था. सारी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली गई है. मगर अब तक एंबुलेंस मिला नहीं है.