भागलपुर:बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law In Bihar) का उल्लंघन करने वाले शराब तस्कर और माफिया के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. वहीं, कोर्ट इस मामले में तेज सुनवाई कर दोषियों को सजा भी दे रही है. इसी कड़ी में भागलपुर कोर्ट ने शराब तस्करी के मामले में एक युवक को दस साल की कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है और जुर्माना राशि नहीं जमा करने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई है.
ये भी पढ़ें-मद्य निषेध मामले में 2 शराब माफियाओं को 5 साल का सश्रम कारावास, 1 लाख का जुर्माना
शराब माफिया को दस वर्ष की सजा: बीते वर्ष 6 जून, 2021 को नवगछिया पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ग्रे रंग की कार से शराब तस्कर शराब लेकर रंगरा की ओर आ रहे हैं. इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने जीरोमाइल टोल प्लाजा के पास वाहन चेकिंग लगाकर वाहन को रोकना चाहा, लेकिन वाहन तेज गति से भागने लगा. जिसके बाद पुलिस ने उसे जबरन रोका और कार की तलाशी ली. इस दौरान कार से भारी मात्रा में विदेशी शराब बरामद हुआ.
कोर्ट ने एक साल के भीतर मामले का किया निष्पादन: पुलिस ने कार से करीब 162 लीटर से ज्यादा विदेशी शराब बरामद किया. जिसके बाद पुलिस ने कार चालक हवेल मुर्मू को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी शराब का व्यापार करता था. इस मामले में कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई और एक साल से कम समय में कोर्ट ने आरोपी को दोषी मानते हुए दस वर्ष की कारावास और एक लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाई.
एक लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया: उत्पाद कोर्ट -2 के एडीजे 12 सरतचंद्र श्रीवास्तव ने इस केस का निष्पादन करते हुए हवेल मुर्मू को दस साल की कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट ने आर्थिक दंड के रूप में उसे एक लाख रूपये का जुर्माना देने की भी सजा सुनाई और नहीं देने पर 6 महीने की अतिरिक्त कारावास की सजा दी जाएगी. इस बात की जानकारी उत्पाद कोर्ट-2 के एपीपी एक्साइज भोला कुमार मंडल ने दी.
बिहार में 2016 से शराबबंदी :बता दें कि बिहार सरकार ने 2016 में शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban) लागू किया गया था। कानून के तहत शराब की बिक्री, पीने और बनाने पर प्रतिबंध है. शुरुआत में इस कानून के तहत संपत्ति कुर्क करने और उम्र कैद की सजा तक का प्रावधान था, लेकिन 2018 में संशोधन के बाद सजा में थोड़ी छूट दी गई थी. बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से बिहार पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, अब तक मद्य निषेध कानून उल्लंघन से जुड़े करीब 3 लाख से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं.
ऐसी ही विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करेंETV BHARAT APP