भागलपुर: जिले में दूसरे चरण में मतदान होना है. इसे लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां भागलपुर में अपनी पकड़ मजबूत बनाने में लगी हुई हैं. भागलपुर लोकसभा क्षेत्र में महागठबंधन और एनडीए के बीच मुकाबला काफी दिलचस्प है.
सीट पर काबिज होने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही हैं. इसी क्रम में एनडीए के सभी कद्दावर नेता बारी-बारी से भागलपुर पहुंच रहे हैं. वे भाजपा की जगह जदयू को टिकट मिलने की वजह से नाराज लोगों को मनाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
सभा को संबोधित करते भूपेंद्र यादव व्यापारी वर्ग की नाराजगी पड़ सकती है भारी
बता दें कि एनडीए के उम्मीदवार की पृष्ठभूमि आपराधिक होने के कारण जिले का बड़ा व्यवसायी वर्ग नाराज चल रहा है. जिसका सीधा असर मतदान पर होगा. एनडीए कुनबा व्यवसायी वर्ग से नाराजगी नहीं मोल लेना चाह रहा है.
एक के बाद एक नेता कर रहे दौरा
बिहार के उपमुख्यमंत्री और 2004 में भागलपुर से सांसद रहे सुशील मोदी आज को भागलपुर आएंगे. सूत्रों के मुताबिक व्यवसाईयों को मनाने के लिए उन्हें यहां भेजा जा रहा है. कुछ दिन पहले बीजेपी के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव भी भागलपुर के व्यवसायियों को मनाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन भागलपुर का व्यापारी वर्ग मानने को तैयार नहीं है.
वहीं एनडीए इस बार किसी भी प्रकार का रिस्क लेने के मूड में नहीं है क्योंकि 2014 में इसी प्रकार की नाराजगी की वजह से एनडीए को अपनी सीट गंवानी पड़ी थी.
क्यों है यह सीट महत्वपूर्ण
भागलपुर लोकसभा चुनाव इस बार काफी चुनौतीपूर्ण है. इसकी वजह गंगोत्री मण्डल खेमें से दो उम्मीदवार होना है. इस बार महागठबंधन से वर्तमान भागलपुर सांसद शैलेश कुमार उर्फ बुलो मंडल आरजेडी खेमे से उम्मीदवार है तो वहीं दूसरी ओर एनडीए के जदयू खेमे से लगातार तीन बार विधायक रहे अजय मंडल हैं.
बहरहाल, भागलपुर का मुकाबला इसबार काफी दिलचस्प है. वहीं बड़े-बड़े नेताओं के दौरे ने भागलपुर सीट को और महत्वपूर्ण बना दिया है. ज्ञात हो कि इस सीट को महत्वपूर्ण मानते हुए नरेन्द्र मोदी ने भी इस बार भागलपुर में चुनावी रैली की. जिसमें उन्होंने एनडीए उम्मीदवारों के लिए जनता से वोट की अपील की थी.