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भागलपुर आशीष हत्याकांड: जमीन दिखाने गए भतीजे ने ही की थी चाचा की हत्या

आशीष उर्फ रोशन हत्याकांड (Bhagalpur Ashish Murder Case) में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है. सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात (City SP Swarn Prabhat) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि लोदीपुर थाना क्षेत्र के बाईपास के पास जमीन दिखाने के नाम पर आशीष मिश्रा की भतीजे दीपक ने चाकू गोदकर हत्या की थी. पुलिस के जांच के क्रम में दीपक ने अपना अपराध कबूल किया है. पढ़ें पूरी खबर..

Bhagalpur Ashish murder accused arrested
Bhagalpur Ashish murder accused arrested

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Published : Feb 8, 2022, 9:15 AM IST

भागलपुर:जिले के लोदीपुर थाना क्षेत्र के बायपास इलाके में आशीष उर्फ रोशन हत्याकांड (Ashish Roshan murder case) का भागलपुर पुलिस ने 48 घंटे के भीतर उद्भेदन कर दिया है. इस घटना को किसी अज्ञात हमलावरों ने नहीं बल्कि चचेरा भतीजा दीपक मिश्रा ने ही वारदात को अंजाम दिया है. उसने 5 फरवरी को अपने चाचा रौशन मिश्रा को जमीन दिखाने के बहाने मौत के घाट उतारा था. दीपक ने आशीष की हत्या को बहुत ही नाटकीय अंदाज में करने की पहले से योजना बन रखी थी. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दीपक को गिरफ्तार कर लिया है.

इस मामले को लेकर सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आशीष मिश्रा उर्फ रौशन की हत्या दीपक ने की थी. 2 कट्ठा प्लाट का विवाद था. पहले भी दोनों के परिवार के बीच मारपीट हुई थी. फिर कुछ दिनों से दीपक मिश्रा आशीष का विश्वास जितने के लिए उसके साथ घूमने लगा. इसी क्रम में 5 फरवरी को बायपास के पास ले जाकर उसकी हत्या कर दी थी.

सिटी एसपी स्वर्ण प्रभात ने कहा कि इस मामला का उद्भेदन 48 घंटे के भीतर हुआ. अगर उस दिन बायपास जाम नहीं रहता, तो हमलोग दूसरे दिन ही अपराधी को गिरफ्तार कर लेते. उन्होंने कहा कि जाम कर रहे लोगों विधि व्यवस्था की स्थिति उत्तपन्न करने के विरुद्ध धारा 353 के तहत एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है.

बता दें कि 5 फरवरी को शाम 4 बजे लोदीपुर थाना क्षेत्र के बाईपास के पास जमीन दिखाने के नाम पर आशीष मिश्रा उर्फ रौशन की चाकू गोदकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर दिया था. पांच दिनों के अंदर गिरफ्तारी के मांग पर सभी स्थानीय प्रदर्शनकारी अड़े हुए थे. पुलिस ने 48 घंटे की अंदर जांच कर दीपक को गिरफ्तार कर लिया.

हालांकि, इस मामले में पुलिस का दावा था कि अरोपी को और पहले पकड़ लेते, लेकिन इस हत्याकांड में ऐसा राजनीतिक बना दिया था कि पुलिस तुरंत आरोपी दीपक से पूछताछ भी नहीं कर पाई. सिर्फ यह समझते हुए कि वह मुख्य संदेही है. मृत आशीष मिश्रा के घर वालों ने तार्किक बुद्धि का परिचय दिया और दर्ज केस में दीपक मिश्रा का नाम संदेही के रूप में दिया. पुलिस को इससे सुविधा हुई और जांच के क्रम में दीपक ने अपना अपराध भी कबूल कर लिया.

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