भागलपुर:आईएमए ने डॉक्टरों से अपील की है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का ख्याल रखते हुए अपने क्लीनिक खोलें. साथ ही एसोसिएशन ने यह भी कहा कि निजी अस्पताल नो प्रॉफिट नो लॉस के चार्ज पर मरीजों का सीटी स्कैन करें. आईएमए की अपील का असर भागलपुर में दिखने लगा है. इस अपील के बाद जिले के कई निजी अस्पताल खुल चुकें हैं और उन्होंने अपने सीटी स्कैन के रेट भी कम कर दिए हैं.
'भागलपुर सहित पूरे देश मेंकोरोना का संक्रमण फैला हुआ है. लॉकडाउन बिहार में लागू हो गया है. कुछ क्लीनिक इस दौरान बंद कर दिए गए थे. जिसके बाद आईएमए ने चिकित्सकों से क्लीनिक खोलने की अपील की थी. सभी क्लीनिक खुलने लगे हैं'. डॉक्टर संदीप लाल, आईएमए अध्यक्ष
यह भी पढ़ें:बिहार के अस्पतालों में कबाड़ हो रहे वेंटिलेटर, टेक्नीशियन की कमी से टूट रही मरीजों की सांसें
लॉकडाउन तक कम लगेगा चार्ज
वहीं, उन्होंने कहा कि चिकित्सकों से कोरोना के सबसे महत्वपूर्ण जांच सीटी स्कैन के रेट भी कम करने की अपील की थी. इसका असर हुआ है. नो प्रॉफिट नो लॉस के तर्ज पर सीटी स्कैन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादा दिनों तक नो प्रॉफिट नो लॉस के तर्ज पर सिटी स्कैन नहीं किया जा सकता है. क्योंकि सीटी स्कैन करने में काफी खर्च होता है. यह सिर्फ लॉकडाउन तक लागू रहेगा.
चंद लोगों की वजह से बदनाम हो रहा पेशा
आईएमए अध्यक्ष ने कहा कि लगातार देखा जा रहा है कि मेडिकल क्लीनिक ऑक्सीजन सिलेंडर और कई जरूरी दवाओं की कालाबाजारी कर रहे हैं. वे चिकित्सकों को बदनाम कर रहे हैं. इस पर प्रशासन सख्त कानूनी कार्रवाई कर दंडित करें. आईएमए कालाबाजारी करने वालों का समर्थन नहीं करता है. चंद लोगों की वजह से यह पेशा बदनाम हो रहा है.
यह भी पढ़ें:बिहार में रेमडेसिविर इंजेक्शन, ऑक्सीजन की नहीं होगी किल्लत : सुशील मोदी
यह भी पढ़ें:पटना में कालाबाजारी का 'खेला', PMCH का डॉक्टर 45 हजार में बेच रहा 1 रेमडेसिविर!