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भागलपुर में आंगनबाड़ी सेविका ने मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन, कहा- मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे आत्मदाह - भागलपुर न्यूज

Anganwadi worker protested in Bhagalpur: भागलपुर में आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा मानव श्रृंखला बनाकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. यह श्रृंखला बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ भागलपुर इकाई द्वारा बनाया गया. इस दौरान सैकड़ों सेविका मौके पर मौजूद रही. सभी ने अपनी मांगों को लेकर जमकर नारा लगाया.

भागलपुर में आंगनबाड़ी सेविका ने मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन
भागलपुर में आंगनबाड़ी सेविका ने मानव श्रृंखला बनाकर किया प्रदर्शन

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 2, 2023, 7:49 PM IST

भागलपुर: बिहार के भागलपुर जिले में गुरुवार को आंगनबाड़ी सेविकाओं में काफी आक्रोश देखने को मिला. उनका ये आक्रोश सरकार के प्रति है. सरकार द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देने के कारण सेविकाओँ द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ भागलपुर इकाई के आवाहन पर मानव श्रृंखला बनाकर धरना दिया गया.

9 अक्टूबर से कर रही प्रदर्शन: दरअसल, गुरुवार को भागलपुर बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ भागलपुर इकाई के सभी सेविकाओं द्वारा पांच सूत्री मांग को लेकर एक दिवसीय भिक्षाटन करते हुए मानव श्रृंखला बनाकर प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने बताया कि हम सभी सेविकाएं 9 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है. लेकिन अभी तक सरकार ने हमारी मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया है. दुर्गा पूजा के बाद अब दीपावली और छठ पर्व आने वाला है. हमलोगों की बातों को सरकार अनसुना कर रही है. यह कहीं से सही नहीं है.

मांग पूरी नहीं होने पर करेंगे आत्मदाह:इस दौरान उन्होंने मांग करते हुए कहा कि हमें राज्य कर्मी का दर्जा चाहिए, 6000 के बदले 10000 प्रतिमाह वेतन चाहिए. अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुई तो हम सभी आंगनबाड़ी सेविका 2024 के चुनाव में जवाब देंगे. सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकेंगे.

"अगर हमलोगों की बातें नहीं मानी गई तो यह आंदोलन और तेज होगा. चक्का जाम किया जाएगा. फिर भी सरकार ने हमारी नहीं सूनी तो हम आत्मदाह तक करेंगे." - सीमा कुमारी, आंगनबाड़ी सेविका .

अनिश्चिताकालीन हड़ताल की घोषणा:सेविकाओं की मानें तो कोविड-19 वैश्विक महामारी से लड़ने के लिए राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे सभी कार्यों को प्रदेश के लगभग 2 लाख सेविका-सहायिकाओं ने जान जोखिम में डालकर निभाया. वे पूरी निष्ठा के साथ सरकार के कदम से कदम मिलाकर चली और अभूतपूर्व योगदान दिया. अपने अल्प मानदेय में से 1 दिन की राशि लगभग 3 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर राज्यहित और मानवता की मिसाल दी. बावजूद सरकार उनके प्रति उदासीन है. इनके अतिरिक्त मानदेय की राशि वृद्धि की मांग वर्षो से लंबित है. ऐसी स्थिति में उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कही.

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