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Love Story: पति की मौत के कुछ देर बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम, एक चिता में दोनों का अंतिम संस्कार - भागलपुर में पति और पत्नी की एक साथ मौत

शादी सात जन्मों का साथ होता है. पति और पत्नी एक दूसरे के सुख-दुख के साथी होते हैं और साथ जीने-मरने की कसमें खाते हैं. इन तमाम बातों को भागलपुर के एक बुजुर्ग दंपति ने सच कर दिखाया है. पति की मौत के दो घंटे बाद पत्नी ने भी अपने प्राण त्याग दिए और पति के आखिरी सफर में पत्नी ने साथ निभाया.

after death of husband wife also died in bhagalpur
after death of husband wife also died in bhagalpur

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Published : May 17, 2023, 12:53 PM IST

पति की मौत के कुछ देर बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम

भागलपुर:जीवन के हर उतार-चढ़ाव में पत्नीअपने पति का साथ देती है. दोनों के बीच का रिश्ता इतना अटूट होता है कि इसे कोई तोड़ नहीं सकता. लेकिन कई बार मौत दो जोड़ों को जुदा करने में कामयाब हो जाता है. वहीं भागलपुर के मिर्जापुर गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. दरअसल पति पत्नी को मौत भी अलग नहीं कर सका. 50 साल तक शादी के बंधन को निभाने वाली पत्नी ने पति के आखिरी सफर में भी उसका साथ दिया.

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पति की मौत के कुछ देर बाद ही पत्नी ने तोड़ा दम: दरअसल मिर्जापुर गांव के 80 वर्षीय विशुनदेव मंडल लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उनका घर में ही इलाज चल रहा था. सोमवार दोपहर के बाद विशुनदेव मंडल की मौत हो गई. शव को घर के चौकी पर रखा गया था. उसके बाद मृतक विशुनदेव मंडल के शव के पास उसकी 70 वर्षीय पत्नी चंदा देवी विलाप करते करते गिर पड़ी और अपने प्राण त्याग दिए. पति की मौत का सदमा 70 वर्षीय पत्नी चंदा देवी बर्दाश्त नहीं कर सकी और महज दो घंटे के अंदर ही उन्होंने भी अपने प्राण त्याग दिए. इसके बाद मंगलवार को दोनों का अंतिम संस्कार भी साथ हुआ. यह दृश्य देखकर लोगो की आंखे नम हो गई.

एक चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार: शादी के मंडप पर जन्म-जन्म का साथ निभाने की कसम खाने वाली यह जोड़ी नाथनगर स्थित मिर्जापुर गांव के साथ ही पूरे इलाके के लिए चर्चा का विषय है. पति विशुनदेव की मौत के कुछ ही घंटे के अंदर पत्नी चन्दा देवी की मौत ने लोगों को हैरानी में डाल दिया. लेकिन पति और पत्नी की साथ विदाई धूमधाम से की गई. मौत के बाद दोनों की शवयात्रा भी साथ साथ निकाली गई और एक ही चिता पर अंतिम संस्कार भी किया गया.

50 साल की शादी में कभी नहीं हुआ झगड़ा: दोनों की मौत के बाद लोगों के बीच दोनों की प्यार भरी कहानी चर्चा का विषय बन गयी है. वहीं लोग कह रहे हैं कि ऐसे जोड़े विरले ही होते हैं जो साथ जीने मरने की तकदीर लिखवाकर धरती पर आते हैं. वहीं पुत्र जीतन मंडल ने बताया कि मैंने इस तरह की पहली घटना देखी है. मृतक दंपति विशुनदेव मंडल व चंदा देवी को पांच पुत्र और दो पुत्री है. बहादुर मंडल, पप्पू मंडल, प्रमोद मंडल, असेसर मंडल और मनोज मंडल उनके बेटे हैं. उनका कहना है कि मां और पिताजी में बहुत प्यार था. दोनों में लड़ाई झगड़ा या मनमुटाव नहीं होता था. हमें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि हमारे सिर से माता पिता का साया एक ही बार में उठ गया है. ईश्वर दोनों की आत्मा को शांति दे और हर जन्म में वे ही हमारे माता-पिता बनें.

"आज हमारे सिर से एक साथ माता और पिता का साया उठा गया. दोनों की एक साथ मौत से पूरा परिवार दुखी है. लेकिन शादी के बाद से दोनों साथ थे और मौत भी उनको जुदा नहीं कर सका, इस बात की खुशी है."-जीतन मंडल, विशुनदेव मंडल व चंदा देवी के बेटे

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