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जैविक खेती के लिए अनुदान राशि का उपयोग नहीं करने वाले किसानों पर होगी कार्रवाई, वसूली जाएगी राशि

भागलपुर में जैविक खेती के लिये अनुदान उठाकर सामग्री नहीं खरीदने वाले किसानों पर अब कृषि विभाग कार्रवाई करने के मूड में है. सामग्री नहीं खरीदने वाले किसानों को चिन्हित कर उनसे अनुदान की राशि वसूली जाएगी. इसके साथ ही उन किसानों का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा. पढ़िये पूरी खबर.

भागलपुर में जैविक खेती
भागलपुर में जैविक खेती

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Published : Oct 26, 2021, 10:01 AM IST

भागलपुर:बिहार के भागलपुर जिले में दो हजार एकड़ में जैविक खेती (Organic Farming) हो रही है. जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद के लिए सरकार की ओर से किसानों को प्रति एकड़ 11,500 रुपये की दर से अग्रिम अनुदान राशि उनके खाते में दी गई है. किसानों को सामग्री खरीदाने की जिम्मेदारी किसान सलाहकार (Farmer Advisor) को दी गई है. विभाग द्वारा चिन्हित कंपनी से किसानों को जैविक खेती करने के लिए सामग्री की खरीदारी करनी है. वहीं जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद नहीं करने वाले किसानों पर कार्रवाई होगी.

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राज्य सरकार जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 13 जिले के किसानों के खाते में सीधे अनुदान उपलब्ध कराई है. जिसमें भागलपुर जिले के 2028 किसान शामिल हैं. इन किसानों में से करीब 300 ऐसे किसान हैं जो अनुदान लेकर सामान की खरीद नहीं कर रहे हैं. अब ऐसे किसानों पर प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी और राशि की वसूली की जाएगी.

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जिला कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा ने बताया कि जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने भागलपुर में चयनित किसानों के खाते में प्रति किसान साढ़े ग्यारह हजार रुपये प्रति एकड़ अनुदान की राशि भेजी है. विभाग द्वारा चयनित कंपनी से जैविक खेती से संबंधित सामग्री की खरीद करना है. किसानों को सामग्री खरीद कराने की जिम्मेदारी किसान सलाहकार को दी गई है. उन्होंने कहा कि जिले के करीब 300 से अधिक किसान ऐसे हैं, जो जैविक खेती को लेकर सामग्री की खरीद नहीं किए हैं. अब ऐसे किसानों के लिए अंतिम चेतावनी है.

''यदि वे जैविक खेती के लिए सामग्री का खरीद नहीं करते हैं तो उनके ऊपर एफआईआर दर्ज की जाएगी और उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करते हुए राशि की वसूली की जाएगी. इसके साथ ही ऐसे किसानों को फसल क्षति का भी लाभ नहीं दिया जाएगा.''- कृष्ण कांत झा, जिला कृषि पदाधिकारी

कृष्ण कांत झा ने कहा कि कृषि समन्वयक को इस दिशा में निर्देश भी दिया है कि वह अपनी निगरानी में जैविक उत्पादन सामग्री की खरीद कराऐं. कृषि पदाधिकारी कृष्ण कांत झा ने कहा कि प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रतिदिन सामग्री वितरण की निगरानी कर प्रतिवेदन जिला कृषि पदाधिकारी को देंगे.

जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि यह योजना 3 वर्षों का है. पिछले वर्ष भी अग्रिम राशि किसानों के खाते में भेजी गई थी, समूह के वैसे किसान जिनके खाते में अग्रिम राशि भेजी गई है, यदि वह सामग्री की खरीद नहीं करते हैं तो उनके ऊपर धोखाधड़ी और सरकारी राशि के गबन का आरोप लगाकर स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी. इसके अतिरिक्त उन किसानों को फसल क्षति का भी लाभ नहीं दिया जाएगा. उनका रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया जाएगा.

जिले में जैविक खेती करने वाले किसानों के 24 समूह का गठन किया गया है. 24 समूह में 2028 किसान साथ जुड़े हैं. सहकारिता से पांच समूह को जोड़ा गया है. जबकि एफपीओ से 19 समूह जुड़ा है. सभी 2028 किसान जैविक खेती करने को लेकर प्रशिक्षित किए गए हैं. इन किसानों के समूह को बसोका से मान्यता मिल गई है. इन्हें सी-1 प्रमाण पत्र भी मिल गया है. जिले के सुल्तानगंज, नाथनगर, सबौर, कहलगांव, पीरपैंती, खरीक, रंगराचौक में जैविक खेती हो रही है.

खेती के लिए प्रोम, नीम तेल, बीज, पीएसबी, एनपीके, ट्राईकोडर्मा, केएमबी, एजेटावेक्टर और बर्मी बेड आदि की खरीद करने के लिए अनुदान दिया गया है. जिन किसानों ने अभी तक एक बार जैविक खेती की है वे अगर दूसरी बार जैविक खेती करते हैं तो उन्हें सी-2 सर्टिफिकेट मिलेगा. तीसरी बार खेती करते हैं तो सी-3 सर्टिफिकेट मिलेगा. इसके बाद इन किसानों का उत्पाद जैविक उत्पाद हो जाएगा. अनुदान की राशि से किसान बायो फर्टिलाइजर, बायोनेट्रोजन बीज आदि की खरीद कर सकेंगे. अभी किसान भिंडी, बैगन, टमाटर, परवल, मिर्ची, फुल गोभी, बंधा गोभी आदि सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं.

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