भागलपुर: बिहार के सबसे बड़े घोटालों में से एक सृजन घोटाला भी है. जिसमें सीबीआई के विशेष अदालत के आदेश के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने बड़ी कार्रवाई किया है. घोटाले में शामिल फरार मुख्य आरोपी अमित और प्रिया की संपत्ति जब्तr की कार्रवाई भागलपुर में शुरू कर दी है. जिले में 15 जगहों पर घर, फ्लैट, दुकान अन्य जगहों की संपत्ति जब्ती की जा रही है. बता दें कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के सचिव रजनी प्रिया और उसके पति अमित कुमार की 2 करोड़ 62 लाख 33 हजार रुपए की संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई की जा रही है. यह संपत्ति भागलपुर के जगदीशपुर अंचल के अंतर्गत है.
वहीं, संपत्ति जब्ती की कार्रवाई सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के आदेश पर की जा रही है. नई दिल्ली से सीबीआई के 3 सदस्य टीम भागलपुर पहुंची है. सीबीआई भागलपुर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के सहयोग से अमित और प्रिया की संपत्ति जब्त कर रही है. सीबीआई ने जिला प्रशासन को जिले के 15 स्थानों की संपत्ति जब्ती की सूची सौंपी है. जिसमें तिलकामांझी के न्यू विक्रमशिला कॉलोनी स्थित घर , फतेहपुर स्थित फ्लैट के अलावा जगदीशपुर, सबौर, नाथनगर प्रखंड स्थित संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा सौंपा है.
सृजन घोटाले में संपत्ति जब्त गौरतलब हो कि सीबीआई के पुलिस सब इंस्पेक्टर देवेश कुमार ने जिलाधिकारी प्रणब कुमार से अमित और प्रिया की संपत्ति जब्ती का अनुरोध किया था. जिसके बाद संपत्ति के अधिग्रहण की जिम्मेदारी जिलाधिकारी ने सदर अनुमंडल एसडीओ आशीष नारायण को दिया है.
सृजन घोटाले में संपत्ति जब्त
मुख्य आरोपी अमित और प्रिया है फरार
बता दें कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड की संस्थापक मनोरमा देवी का निधन हो गया है. मनोरमा देवी के बेटे अमित और बहू रजनी प्रिया जो सृजन महिला विकास सहयोग समिति की सचिव थी. घोटाला उजागर होने के बाद से अमित और प्रिया फरार है. 7 अगस्त 2017 को सृजन घोटाला उजागर हुआ था. उसी दिन जिला नजारत शाखा ने प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. उसके बाद अन्य कार्यालयों में जांच के बाद घोटाला उजागर होते गया. सृजन घोटाले को लेकर अब तक करीब दो दर्जन प्राथमिकी दर्ज है.
सृजन घोटाले के मुख्य आरोपियों की संपत्ति सीज जबकि, सहरसा और बांका में भी इसको लेकर मामला दर्ज कराया गया है. अधिकांश मामलों में दोनों अमित और प्रिया आरोपी है. घोटाला उजागर होने के बाद से दोनों फरार है. सीबीआई दोनों के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर चुकी है. अमित कुमार सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड सबौर के संस्थापक सचिव स्वर्गीय मनोरमा देवी के पुत्र हैं. रजनी प्रिया मनोरमा देवी की पुत्रवधू हैं. मनोरमा देवी के निधन के बाद सृजन महिला विकास सहयोग समिति का कामकाज रजनी प्रिया देख रही थी. वे सचिव के पद पर काम कर रही थी. सृजन महिला विकास सहयोग समिति के प्रबंध कार्यकारिणी के सदस्यों पर भी पूर्व में प्राथमिकी दर्ज है. पूर्व में दोनों के आवास पर सीबीआई का नोटिस चिपकाया जा चुका है.
सृजन घोटाले के मुख्य आरोपियों की संपत्ति जब्त पढ़ें:भागलपुर: सृजन घोटाले के 3 साल पूरे, अब तक मुख्य आरोपी फरार
सृजन घोटाला का इतिहास
सृजन घोटाला 21 सौ करोड़ रुपये का है. जब सरकारी चेक एक बैंक में जाने के बाद बैंक अधिकारी ने यह कहते हुए लौटा दिया कि खाते में पैसा नहीं है. चेक पर जिलाधिकारी आदेश तितरमारे का हस्ताक्षर था. बैंक से चेक के वापस होने के बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच शुरू कराई. जांच में पता चला कि खाते में पर्याप्त राशि नहीं है. इसके बाद मामले को लेकर जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया. जांच में पता चला कि इंडियन बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के सरकारी खाते में रुपए नहीं है. 9 अगस्त 2017 को पहली प्राथमिकी दर्ज कराई गई. इसके बाद एक-एक कर विभागों का घोटाला सामने आने लगा. जांच के दौरान पता चला कि सरकारी विभागों की राशि विभागीय खाते में नहीं जाकर अधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से सृजन महिला सहयोग समिति लिमिटेड के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती थी. इस कार्य में जिला से लेकर प्रखंड स्तर के अधिकारी और कर्मचारियों की संलिप्तता थी. जांच का जिम्मा सीबीआई को मिलने के बाद कई अधिकारी और कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. और कई के खिलाफ जांच चल रही है.