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भागलपुर में 49 किसान सलाहकारों और समन्वयकों पर कार्रवाई, ड्यूटी से रहते हैं गायब

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Published : Aug 8, 2020, 1:14 PM IST

Updated : Aug 19, 2020, 9:04 PM IST

कृषि योजनाओं को किसानों तक पहुंचाने के लिए किसान सलाहकार और समन्वयक को किसानों से संवाद कर उनकी समस्याओं के निदान की जिम्मेदारी दी गई है. लेकिन ये अधिकारी ऐसा नहीं कर रहे हैं. यही वजह है कि जिला कृषि पदाधिकारी ने यह कार्रवाई की है.

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा

भागलपुरः कार्यालय से गायब रहने वाले जिले के 49 किसान सलाहकार और कृषि समन्वयक पर कार्रवाई करते हुए भागलपुर जिला कृषि पदाधिकारी के के झा ने अगस्त माह के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है. साथ ही कार्यालय से गायब रहने वाले सभी लोगों से स्पष्टीकरण मांगा गया है.

जवाब संतोषजनक नहीं होने पर होगी कार्रवाई
दरअसल डीईओ गुरुवार को कृषि योजनाओं को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कहलगांव अनुमंडल में योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे. इस दौरान कहलगांव प्रखंड के 19 किसान सलाहकार और दो कृषि समन्वयक, सन्हौला प्रखंड के 6 किसान सलाहकार और कृषि समन्वयक और पीरपैंती प्रखंड के 6 किसान सलाहकार और कृषि समन्वयक अनुपस्थित थे. इन सभी पर कार्रवाई की गई है. जवाब संतोषजनक नहीं मिलने पर इन सभी के ऊपर विभागीय कार्रवाई और निलंबन की भी कार्रवाई की जा सकती है.

जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा व अन्य

समीक्षा बैठक के दौरान थे नदारद
जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णकांत झा ने बताया कि विभागीय योजनाओं की समीक्षा की गई थी. 2020- 21 का मूल्य अभिश्रय व आरटीजीएस सूची 1 सप्ताह में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया. उन्होंने कहा कि इस बीच किसान सलाहकार अपने कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं. इससे किसानों की समस्याओं का निदान सही से नहीं हो पा रहा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

किसान सलाहकार और कृषि समन्वयक को रोस्टर के अनुसार उपस्थित रहकर आगंतुक पंजी संधारित करना है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कहलगांव, प्रखंड , पीरपैंती प्रखंड और सनहौला प्रखंड से संवाद किया जा रहा था. जहां किसान सलाहकार और समन्वयक अनुपस्थित पाए गए.

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अगस्त महीने के वेतन पर रोक
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि उन सभी के अगस्त महीने का वेतन पर रोक लगा दी गई है और उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया है. के के झा ने बताया कि जिले के सभी उर्वरक दुकानों के स्टाफ की भी जांच शुरू की गई है. जिले के डीबीटी और वास्तविक स्टॉक में अंतर पाया गया है. सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी को इस पर जांच करने का जिम्मेदारी सौंपी गई है. पॉश मशीन से खाद की बिक्री का सही ढंग से उपयोग नहीं करने पर यह अंतर देखा जा रहा है.

Last Updated : Aug 19, 2020, 9:04 PM IST

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