बिहार

bihar

ETV Bharat / state

पाकिस्तान की जेल में कैद है बेटा! 20 साल से राह देख रही बूढ़ी मां

बिहार के भागलपुर में एक मां अपने बेटे की घर वापसी की आस में पिछले 20 सालों से गुहार लगा रही है. उसके मुताबिक बेटे के बारे में पुलिस ने बताया कि वो पाकिस्तान की जेल में बंद है.

a-missing-man-of-bhagalpur-in-bihar-is-imprisoned-in-pakistan

By

Published : Aug 5, 2019, 6:29 PM IST

Updated : Aug 6, 2019, 7:34 PM IST

भागलपुर:जिले की एक बूढ़ी मां पिछले 20 सालों से अपने बेटे की राह देख रही है. घर की चौखट पर बैठकर बेटे की वापसी की आस में मां की आंखें पथरा गई हैं. वो अपने लाडले की एक झलक पाने को बेताब है. लेकिन, प्रशासन और सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उसके बेटे की खोजबीन करने की जिम्मेदारी नहीं उठाई. वहीं, बूढ़ी मां की मानें, तो उसका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है.

बिहार का कुलभूषण

पूरा मामला जिले के सनहौला प्रखंड के मदारगंज पंचायत के रतनपुर गांव का है. यहां की रहने वाली ओखा देवी का पुत्र सीताराम झा आर्थिक तंगी के चलते शादी के बाद 20 साल पहले पंजाब कमाने गया था. इसके बाद वो कभी वापस नहीं लौटा. मां ओखा देवी और पड़ोसियों की मानें तो उसके जाने के चार साल बाद सनोखर थाने की पुलिस ने सीताराम की तस्वीर दिखाते हुए सूचना दी थी कि उनका बेटा पाकिस्तान की जेल में बंद है.

घर की चौखट पर बैठी रहती हैं ओखा देवी

प्रशासनिक अधिकारियों से कर चुकी है फरियाद
मां ओखा देवी की मानें तो वो तब से लेकर आज तक प्रशासन से लेकर राजनेताओं की चौखट पर अपने बेटे की सकुशल वापसी को लेकर गुहार लगाती रही हैं. लेकिन, उसके बेटे के बारे में कोई जानकारी हाथ नहीं लगी है. आर्थिक तंगी से लाचार मां कुछ और कर भी नहीं सकती है. एक बेटी है, जिसकी शादी हो चुकी है. वहीं, बहु ने पति को वापस आता न देख दूसरी शादी कर ली. ओखा देवी घर में अकेले ही रहती है.

ये हैं हालात

झोपड़ी में कर रही हैं गुजारा
ओखा देवी लगभग 75 साल की हो गई हैं. इनके रहने के लिए घर भी नहीं है. एक झोपड़ी है, जिसमें वो रहती हैं. उस झोपड़ी में बारिश के दिनों में पानी टपकता रहता है और हल्की से तेज हवा चलने के कारण झोपड़ी गिर जाती है. घर में खाने को ना अनाज है, ना ही सोने के लिए खाट. जैसे-तैसे भीख मांगकर अपनी जिंदगी काट रही हैं. ऐसे में उनका सपना है कि वो अपनी बूढ़ी आंखों से एक बार अपने लाल को देख पाएं.

सुनिए मां का दर्द

खबर ये भी-
वहीं, जानकारी मुताबिक लापतासीताराम के रिश्तेदार मुकेश ने आरटीआई दायर कर केंद्रीय गृह मंत्रालय से उसका पता लगाना चाहा, तो बताया गया कि उसे वाघा बॉर्डर पर 2004 में छोड़ दिया गया था. लेकिन सीताराम अब तक घर नहीं लौटा. इकलौते बेटे की खोज में मां ने सारी जायदाद बेच दी. फूस-मिट्टी की बनी इस छोटी सी झोपड़ी में रह रही हैं.

घर की चौखट पर बैठी रहती हैं ओखा देवी

क्या कहते हैं पड़ोसी...
पड़ोसी ललन सिंह ने बताया कि वो जब छोटे थे, आज से करीब 12-15 वर्ष पहले इनके घर पर पुलिस आई थी और उन्होंने बताया था कि सीताराम झा किसी तरह पाकिस्तान चला गया है और वहां की जेल में बंद है. तब से आज तक कोई अता-पता नहीं चला है. ललन सिंह ने कहा कि हो सकता है सीताराम झा के ऊपर पाकिस्तान ने गलत एलिगेशन लगाकर जेल में बंद कर रखा है. जिस तरह से कुलभूषण जाधव के ऊपर जासूसी का एलिगेशन लगाकर पाकिस्तान कोर्ट ने सजा दी थी, जिसे अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने रोक लगा दी है. वैसा कुछ उसके साथ भी किया गया हो.

घर की हालत

शाहनवाज हुसैन को है जानकारी- पड़ोसी
ललन ने कहा कि हम चाहेंगे कि सीताराम झा की वापसी के लिये सरकार पहल करे क्योंकि उसकी मां घर में अकेली ही है. उनकी कोई देख रेख करने वाला नहीं है. कई वर्षों से वो आंसू बहा रही हैं. उन्होंने बताया कि सीताराम झा की वापसी को लेकर एक बार निवर्तमान सांसद शाहनवाज हुसैन से कहा गया था. उनकी पहल पर कुछ प्रशासन के लोग भी घर पर आए थे, फिर तब से आज तक कोई देखने नहीं आया.

आखें गईं पथरा

अब देखना है कि जिस तरह कुलभूषण जाधव के मामले पर देश भर में आवाज उठाई गई और कार्रवाई हुई. उसी तरह सीताराम झा के इस मामले पर सरकार क्या एक्शन लेती है. क्या बूढ़ी मां का आखिरी सपना पूरा हो पाएगा? ईटीवी भारत लगातार इस मुद्दे से आपको रूबरू करवाता रहेगा. आशा है कि आप भी सीताराम की वापसी के लिए हमारे इस मुहिम का हिस्सा बनेंगे.

Last Updated : Aug 6, 2019, 7:34 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details