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23 सालों से किन्नर की जिंदगी जी रहा मनीष बना मनीषा, छोटे से ऑपरेशन के बाद बदली जिंदगी

मनीषा का ऑपरेशन भागलपुर में हीं किया गया. यह सफल ऑपरेशन स्त्री रोग विशेषज्ञ सरस्वती पांडे ने किया. डॉक्टरों ने मनीषा के घर की हालत को देखते हुए मुफ्त में ऑपरेशन कर मानवता की एक मिसाल पेश की है.

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Published : Jul 26, 2019, 4:16 PM IST

मनीषा

भागलपुर:शहर में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. 23 साल तक किन्नर की जिंदगी जी रहे मनीष की जिंदगी अचानक से बदल गई है. बचपन में ही मां-बाप ने डॉक्टर से इलाज कराए बिना हीं उसे किन्नर मान लिया था. डॉक्टर से जांच कराने के बाद पता चला कि वह एक लड़की है. इसके बाद उसके ऑपरेशन का प्लान बनाया गया. अब वह एक लड़की की जिंदगी जी सकती है.

पेश है रिपोर्ट

डॉक्टर ने किया मुफ्त में ऑपरेशन
मनीषा का ऑपरेशन भागलपुर में किया गया. यह सफल ऑपरेशन स्त्री रोग विशेषज्ञ सरस्वती पांडे ने किया. उनका कहना है कि मनीषा वास्तविक रूप से एक लड़की हीं थी. जब इसका अल्ट्रासोनोग्राफी करवाया गया तो मनीषा के अंदर यूट्रस ओवेरी जैसे महिलाओं वाले जननांग मिले. इसके बाद ऑपरेशन करने का प्लान किया गया. डॉक्टरों ने मनीषा के घर की हालत को देखते हुए मुफ्त में ऑपरेशन कर मानवता की एक मिसाल पेश की है.

महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. सरस्वती पाण्डे

किन्नर की हीं जिंदगी जी रही थी मनीषा
बताया जाता है कि जब मनीषा लगभग 14 साल की हुई, तो उसके फीमेल ऑर्गन विकसित होने लगे. बावजूद इसके मनीषा अपने-आप को किन्नर समझ लड़कों वाली जिंदगी हीं जी रही थी. उसके माता-पिता भी सामाजिक प्रतिष्ठा की वजह से डरकर इस बारे में किसी से जिक्र नहीं करते थे. मनीषा खुद भी अपने दोस्तों के बीच कुछ नहीं कह पाती थी और खुद को सभी लोगों से अलग रखती थी.

दुकान मालिक ने किया मार्गदर्शन
सेल्सबॉय के तौर पर काम कर रही मनीषा को दुकान मालिक ने डॉक्टर से मिलने की सलाह दी. दुकान मालिक श्याम सुंदर नेवटिया ने उसका मार्गदर्शन भी किया. आपको बता दें कि मनीषा सभी भाइयों और बहनों में सबसे बड़ी है. इस कारण घर की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी भी उसपर हीं थी. इसलिए वह बतौर सेल्सबॉय के रुप में कपड़े के शोरुम में काम कर रहीं थी.

दुकान मालिक श्याम सुंदर नेवटिया

समाज में उपहास बनाया जाता है
इन दिनों इस कहानी की चर्चा पूरे भागलपुर में हो रही है. मनीषा का पूरा परिवार मीडिया के सामने नहीं आना चाहता है. परिवारवालों का कहना है कि जिस समाज में वे लोग रहते हैं, उस समाज में ऐसी चीजों का काफी ज्यादा उपहास बनाया जाता है. उन्हें डर है कि कहीं मनीषा की जिंदगी कष्टदायक न बन जाए. मनीषा भी मीडिया के सामने नहीं आना चाहती है, लेकिन खुद को लड़की के तौर पर पाकर काफी खुश है.

इस घटना के बाद मनीषा का परिवार अपनी तंगी हालत की वजह से काफी सकते में आ गया है. जो मनीषा मनीष बन कर पूरे घर को चला रही थी, अब वह मनीषा बन चुकी है. आमतौर पर लोग बेटी को अपनी जिम्मेदारी ही समझते हैं.

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