भागलपुर: देशभर में गणेश उत्सव को लेकर धूम मची है. 10 दिनों तक चलने वाले गणपति बप्पा के पूजन की शुरुआत 19 सितंबर से हो रही है. महाराष्ट्र में गणेश उत्सव खास अंदाज में धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार बिहार के भागलपुर में भी गजानन का एक अनोखा स्वरूप देखने को मिलेगा. शहर के बीचो-बीच सोना पट्टी में इस बार लंबोदर की प्रतिमा खास होने वाली है.
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"पिछले वर्ष मोर पंख की प्रतिमा बनी थी और उससे पहले हल्दी से गजानन की मूर्ति को तैयार किया गया था, हम लोग हर वर्ष कुछ ना कुछ अलग करने का प्रयास करते हैं. इस मूर्ति को तैयार करने में 80 हजार रुपये का खर्च आया है."- विष्णु कुमार शर्मा, पूजा समिति के महंत
पिछले साल हल्दी से बनायी थी प्रतिमाः स्थानीय मूर्तिकार रंजीत पंडित ने 61 किलो सुपारी का इस्तेमाल करते हुए 11 फीट ऊंची भगवान गणेश की प्रतिमा तैयार की है. पिछले वर्ष हल्दी से गणेश की प्रतिमा बनाई गई थी जिसे दूर दराज से लोग देखने पहुंचे थे. इस वर्ष भी सुपारी से बनी भव्य मूर्ति लोगों को अपनी ओर आकर्षित करेगी. वहीं गजानन को 56 भोग भी लगाया जाएगा.
अनोखा करने की चाहतः रणजीत पंडित ने बताया कि हम लोग सुपारी से गणेश की प्रतिमा तैयार कर रहे हैं. इस बार हम लोग कुछ अनोखा करना चाहते थे. सुपारी से भगवान गणेश की पूजा होती है इसलिए इस बार सुपारी की मूर्ति बना रहे हैं. भागलपुर में गणेश उत्सव की 1990 से शुरुआत हुई थी और सबसे पहली प्रतिमा सोना पट्टी में ही बैठाया गया था. इस बार हम लोग उसी जगह 61 किलो सुपारी से प्रतिमा का निर्माण कर रहे हैं.
गणेश को सुपारी अति प्रिय: मूर्तिकार गौतम कुमार ने बताया कि भगवान गणेश को सुपारी अति प्रिय है. उनकी पूजा में सुपारी महत्वपूर्ण होता है. यह शुभ माना जाता है, इसलिए इस वर्ष हम लोग सुपारी से ही प्रतिमा तैयार कर रहे हैं. इस मूर्ति को हम लोग पिछले एक महीने से तैयार कर रहे हैं. इसमें काफी मेहनत लगा है.