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भागलपुरः लॉकडाउन और प्राकृतिक आपदा से किसानों को भारी नुकसान, मुश्किल से तैयार हो पाए अनाज - भागलपुर के किसानों को मिली सहायता राशि

भागलपुर के आम उत्पादन करने वाले किसान मैंगो मैन अशोक चौधरी को भी काफी आर्थिक क्षति हुई है. उन्होंने बताया कि जिस समय आम का फल तैयार किया जाता है, उसी समय लॉकडाउन की वजह से कई सारी चीजें उन्हें नहीं मिल पाई.

खेत में किसान
खेत में किसान

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Published : Jun 12, 2020, 11:28 AM IST

भागलपुरः जिले में लगातार लॉकडाउन, आंधी तूफान और बारिश की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी किसानों को हुई है. जिस वक्त देश में लॉकडाउन हुआ उस वक्त सभी किसानों के अनाज खेतों में लगभग तैयार हो चुके थे. किसान के सामने सबसे बड़ी समस्या ये थी कि तैयार अनाज को काटने के लिए उन्हें मजदूर नहीं मिल रहे थे. इसी दौरान हुई बारिश ने उनकी सारी फसलों को बर्बाद कर दिया. सरकार की तरफ से इन किसानों को सहायता राशि दी गई है.

खेत में काम कर रहे किसान

नहीं मिले समय पर मजदूर
भागलपुर के गोराडीह के जमसी में खेतों में अनाज तैयार कर रहे किसानों का कहना है कि इस बार लॉकडाउन की वजह से काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है, काफी मुश्किल से लोग उनके अनाज को तैयार करने पहुंच पाए हैं. उन्हें अच्छा खासा नुकसान भी हुआ है. लॉकडाउन की वजह से समय पर मजदूर नहीं मिले. जिससे रवि फसलों का काफी नुकसान हुआ. इसलिए सरकार को आगे आकर किसानों की मदद करनी चाहिए.

बर्बाद फसल को ले जाता किसान

आम को भी हुआ भारी नुकसान
वहीं, ओलावृष्टि के साथ भारी बारिश की वजह से गेहूं चना और कई फसलों को नुकसान पहुंचा है. मेहनत से तैयार की गई फसलों को बर्बाद होता देख किसान बहुत परेशान हैं. भागलपुर के महेशी तिलकपुर के आम उत्पादन करने वाले किसान मैंगो मैन अशोक चौधरी को भी काफी आर्थिक क्षति हुई है. जिस समय आम का फल तैयार किया जाता है, उसी समय लॉकडाउन की वजह से कई सारी चीजें उन्हें नहीं मिल पाई. जिसकी वजह से अपने पेड़ और फलों को हम नहीं बचा पाए. इस बार लगभग 50 फीसदी क्षति उठानी पड़ेगी.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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डेढ़ लाख किसानों को मिले 60 करोड़ रुपये
सरकार ने भी किसानों की फसलों की क्षति और आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद की. भागलपुर जिला में लगभग डेढ़ लाख किसान चयनित किए गए, जिन्हें फसल की क्षति हुई थी और आर्थिक स्थिति काफी ज्यादा खराब हो गई थी. सरकार ने ऐसे किसानों को चिन्हित कर उन्हें आर्थिक मदद के तौर पर लगभग 60 करोड़ रुपये खाते में ट्रांसफर कराए. ताकि लॉकडाउन बारिश और ओलावृष्टि से हुए नुकसान की कुछ भरपाई की जा सके.

खेत में लगी फसल

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