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Bhagalpur Flood Update: नहीं थम रहा बाढ़ का कहर, 110 पंचायत में 247 चापाकल डूबे, फिर से आई आफत... - पेयजल की समस्या

बिहार के कई जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इनमें भागलपुर भी शामिल है. बाढ़ के कारण भागलपुर की स्थिति दयनीय हो गई है. साथ ही लोगों के सामने पेयजल की समस्या भी आ पड़ी है. पढ़ें रिपोर्ट...

बाढ़ से डूबा चापाकल
बाढ़ से डूबा चापाकल

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Published : Aug 31, 2021, 7:11 AM IST

भागलपुर:बिहार के भागलपुर जिले मेंबाढ़ने (Flood In Bhagalpur) तबाही मचा दी है. हर तरह अफरातफरी की स्थिति बनी हुई है. चारों तरफ का आवागमन प्रभावित हो गया है. गंगा और कोसी नदी में उफान के कारण कुल 14 प्रखंड बाढ़ प्रभावित हो गए हैं. हालांकि अब जलस्तर धीरे-धीरे घटने लगा है. साथ ही गंगा अब खतरे के निशान से नीचे बह रही है. लेकिन अभी भी लोगों की मुश्किलें कम नहीं हुईं हैं.

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जिले के बाढ़ प्रभावित 14 प्रखंड के 139 पंचायतों की 9.31 लाख की आबादी की मुश्किलें बढ़ गई है. सबसे ज्यादा मुश्किलें अब पेयजल को लेकर होने वाली है. कारण है यह है कि पीएचईडी (PHED) के करीब 4.52 करोड़ की जलापूर्ति योजना का कार्य बाढ़ से बर्बाद हो गया है. इससे करीब 110 पंचायतों में पेयजल का संकट (Water Crisis) गहराने लगा है.

देखें रिपोर्ट.

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हालांकि, जिलाधिकारी ने बाढ़ का पानी कम होने के साथ ही पीएचईडी के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को निर्देश दिया है. जिससे खराब चापाकल को तत्काल दुरुस्त किया जा सके. इसके साथ ही पेयजल को जीवाणु रहित करने के लिए आवश्यक दवाई और ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया जा रहा है.

जिले में करीब 300 गांव बाढ़ के पानी से घिरा हुआ है. इस कारण उसे दुरुस्त करना तो दूर की बात अभी वास्तविक क्षति का आकलन भी विभाग की ओर से नहीं किया जा सका है. अब तक पीएचईडी विभाग ने प्रारंभिक क्षति का आकलन जिला प्रशासन को सौंपा है. जिसमें बताया गया है कि लगभग 247 चापाकल बाढ़ के पानी में डूब चुका है.

इनमें खरीक प्रखंड के लोकमानपुर का वार्ड नंबर-2, बिहपुर के हरिओ का वार्ड नंबर- 4 और इस्माइलपुर के नारायणपुर लक्ष्मीपुर का वार्ड नंबर-12 शामिल है. यह सभी वार्ड बाढ़ से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है. सबसे अधिक गंगा का पार के इलाके की योजना प्रभावित हुई है. इसमें सबसे अधिक गोपालपुर के 50 वार्डों में पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है. जबकि रंगरा 38 वार्डों में भी बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. इसके अलावा नवगछिया के 24 वार्डों के बाद नाथनगर में सबसे अधिक जलापूर्ति योजना क्षतिग्रस्त हुई है.

'बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही हम लोगों ने सबसे पहले प्रभावित इलाकों में ब्लीचिंग और दवाईयों का छिड़काव शुरू कर दिया है. जिसे लेकर टीम भी बना दी गई है. रोजाना रिपोर्ट भी ले रहे हैं. कहां किस वार्ड में कितना बोरा ब्लीचिंग या चुना का छिड़काव किया गया है, सभी जानकारी ली जा रही है. बाढ़ के कारण जितने भी चापाकल खराब हुए हैं, उसे रिपेयर किया जा रहा है. इसके अलावा जीवाणु रहित पानी को लेकर भी पीएचइडी डिपार्टमेंट द्वारा काम किया जा रहा है. पीएचईडी डिपार्टमेंट के लोग रोजाना खराब हुए चापाकल का मरम्मत कराकर रिपोर्ट भेज रहे हैं.' -सुब्रत कुमार सेन, जिलाधिकारी

बता दें कि भागलपुर में पीएचईडी विभाग दो भागों में बांटा हुआ है. पूर्वी और पश्चिमी. पूर्वी में 77 और पश्चिमी ने 33 पंचायत बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. पूर्व में पूरी तरह से तीन और आंशिक रूप से 173 जलापूर्ति योजना क्षतिग्रस्त हुई है. जिसका अनुमानित क्षति 358 लाख रुपये है. जबकि पश्चिम में 34 योजनाओं में आंशिक रूप से क्षति हुई है. जिसका अनुमानित वित्तीय क्षेत्र 38 लाख रुपये यानी 436 लाख रुपये की जलापूर्ति योजना क्षतिग्रस्त हुई है.

इसमें मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत बिछाई गई पाइप लाइन से लेकर की जा रही जलापूर्ति योजना शामिल है. जिसके कारण लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, बाढ़ से सबसे अधिक पीएचईडी के पूर्व के इलाके में योजना को क्षति हुई है. योजना के अलावा चापाकल भी क्षतिग्रस्त हुआ है.

इसमें पीएचईडी पूर्व में 185 चापाकल डूबकर खराब हो गए हैं. जिसका अनुमानित वित्तीय क्षेत्र 11.50 लाख का है. जबकि पीएचईडी पश्चिम में 4.50 लाख की लागत के 62 चापाकल खराब हुए हैं. यानी 16 लाख की लागत से गाड़े गए 247 चापाकल खराब हो गए हैं. हालांकि इसकी संख्या अभी और बढ़ सकती है. कारण, अभी गांव से पानी पूरी तरह से उतरा नहीं है. पानी पूरी तरह से निकलने के बाद विभाग की ओर से वास्तविक आकलन किया जाएगा. इसके बाद क्षति की वास्तविक हकीकत का पता चल सकेगा.

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