बिहार

bihar

ETV Bharat / state

बेगूसराय: बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, लोगों में दहशत - बूढ़ी गंडक नदी का बढ़ रहा जलस्तर

बेगूसराय में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. जिसकी वजह से लोगों को तटबंध टूटने का डर सता रहा है. वहीं अधिकारी लगातार बांध का निरीक्षण कर रहे हैं.

begusarai
बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

By

Published : Jul 21, 2020, 5:20 PM IST

बेगूसराय:जिले में लगातार हो रही बारिश से जहां लोगों का जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं क्षेत्र से होकर गुजरने वाली बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से लोगों के मन में भय और दहशत का माहौल कायम होता जा रहा है. जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण इसके बायें तटबंध पर पानी का दवाब बढ़ गया है.

लगातार बढ़ रहा जलस्तर
बाढ़ प्रमंडल रोसड़ा कार्यालय से दिए गए जानकारी के अनुसार बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान 42.63 मीटर को पार कर गया है. मंगलवार की सुबह रोसड़ा में जलस्तर 43.06 मीटर दर्ज किया गया है. मौसम पूर्वानुमान के अनुसार अगले 48 घंटे में नदी के जलस्तर में काफी बढ़ोतरी की संभावना है.

तटबंध पर बढ़ रहा पानी का दवाब

तटबंध टूटने का भय
स्थानीय जानकारों के अनुसार खोदावंदपुर प्रखंड क्षेत्र के मिर्जापुर, बरियारपुर पश्चिमी, फफौत, बिदुलिया, मेघौल ,चेरिया बरियारपुर प्रखंड के सिउरी, मंझौल, पबड़ा, शाहपुर, चेरिया बरियारपुर, विक्रमपुर, बसही और गोपालपुर के पास नदी का पानी तटबंध से टकराकर बह रहा है. इन जगहों पर लोगों को तटबंध टूटने का भय सता रहा है.

लोगों के मन में खौफ
बुद्धिजीवियों का कहना है कि प्रशासनिक स्तर से तटबंध की सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था के बावजूद इसकी वस्तुस्थिती को देखते हुए प्रशासनिक तैयारी नाकाफी प्रतीत होती है. जिससे लोगों के मन में खौफ और दहशत का भाव उत्पन्न होना लाजिमी है.

लोगों का कहना है कि किसी अनहोनी की आशंका से सिर्फ मिट्टी को बोरी में भरकर तटबंध पर रख देने से तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद नहीं मानी जा सकती है. बल्कि पूरे इलाके में तटबंध का निरीक्षण कर रेनकटर और शाही (जानवर) के सुराख को तलाश कर मिट्टी से भरे बोरी से समय रहते बंद कर देना आवश्यक है.

मजदूरों की संख्या है कम
पूरे एरिया के क्षेत्रफल के हिसाब से तटबंध की सुरक्षा में लगाए गए मजदूरों की संख्या बहुत कम है. जिसके फलस्वरूप तटबंध की पूरी तरह से निगरानी नहीं हो पा रही है. प्रशासन की थोड़ी सी चूक क्षेत्रवासियों के लिए परेशानी और जानमाल की क्षति के साथ विभिन्न प्रकार की मुसीबतें खड़ी कर सकती है.

बूढ़ी गंडक नदी के खतरे के निशान पार करने और जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए विभाग ने भी कमर कस लिया है. बाढ़ प्रमंडल रोसड़ा के पदाधिकारी और विशेषज्ञों की टीम फल्ड फायटिंग योजना के तहत बांध के संवेदनशील जगहों पर मरम्मती का काम युद्ध स्तर पर करने में जुट गयी है.

अधिकारी कर रहे हैं निरीक्षण
खोदावंदपुर अंचलाधिकारी सुबोध कुमार ,चेरिया बरियारपुर बीडीओ कर्पुरी ठाकुर ने भी बांध का निरीक्षण किया है. साथ ही बांध सुरक्षा कार्य में जुटे पदाधिकारियों से विचार-विमर्श कर निरोधात्मक कार्य करने का निर्देश दिया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details