बेगूसराय: बेटियां आज किसी भी मामले में बेटे से कम नहीं हैं. जिले के एक परिवार की तीन बेटियां अपने मां-बाप की सेवा के लिए आजीवन शादी न करने का फैसला ले लिया. तीनों बेटियां आज पूरे जिले में एक मिसाल बनी हुई हैं. वहीं, ईटीवी भारत के संवाददाता से इनकी मां ने बताया कि शादी नहीं होने का कारण परिवार की नाजुक हालात ही थे.
मामला जिले के रामदीरी अकाशपुर गांव का है. यहां रघु सिंह नाम के एक परिवार में उसके बेटे का बीमारी से मौत हो गई. इसके बाद बेटे की पत्नी और बच्चों का बोझ रघु सिंह के तीन बेटियों पर आ गया. तीनों ने आर्थिक तंगहाली के बावजूद भी इंटर और बीएससी तक की पढ़ाई भी पूरी की. इस परिवार की बड़ी बेटी की शादी तो तय हुआ. लेकिन दहेज की वजह से बड़ी बेटी ने शादी से इंकार कर दिया.
खेती से लेकर गोपालन तक करती हैं
तीनों बहन कुमारी अभिलाषा, कुमारी रूपम और कुमारी निर्मला ने आर्थिक तंगहाली और परिवार के जिम्मेवारी के वजह से आजीवन शादी नहीं करने का फैसला ले लिया. इसके बाद घर पर ही रह कर अपने बूढ़े मां-बाप की सेवा करती हैं. परिवार के जीविकोपार्जन के लिए तीनों बहन खेत में काम करती हैं, गोपालन भी करती हैं और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हैं. इससे अपने घर की जरूरतों को पूरा करती हैं.
इन्हें नहीं मिलता कोई सरकारी लाभ
तीनो बहनों ने बताया कि मां और बाप के सेवा के लिए ही शादी नहीं किए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जीवन का अब एक ही लक्ष्य है कि अपने मृत भाई के बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सके. वहीं, सरकारी सुविधाएं के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें कोई सुविधा नहीं दी जाती है. समाज के लोग कहते हैं कि मां और बाप के साथ रहने पर कोई योजना का लाभ नहीं मिल सकता है.