बेगूसराय: बिहार में 17 फरवरी से नियोजित शिक्षक हड़ताल पर हैं. वहीं, कोरोना वायरस को लेकर शिक्षकों की ये हड़ताल थोड़ी नरम पड़ी है. जिले में माध्यमिक शिक्षक संघ के भवन में कोरोना वायरस को लेकर हड़ताली शिक्षकों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में शिक्षकों ने कोरोना के कहर को देखते हुए अपने आंदोलन में बदलाव की बात कही. शिक्षकों की माने तो अब वो इस महामारी से बचाव के लिए गांव-गांव घूमकर लोगों को जागरूक करेंगे.
हड़ताल पर डटे माध्यमिक शिक्षक अब लोगो को कोरोना के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे ।
देशभर में कोरोना को लेकर कई दिशा-निर्देश जारी किये गए हैं. वहीं, शिक्षकों ने भी एहतियात बरतते हुए अपने आंदोलन को नई दिशा दे दी है.
बेगूसराय में पिछले 25 फरवरी से हड़ताल पर डटे बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने कोरोना वायरस को लेकर अपने आंदोलन में बदलाव की बात कही. आंदोलनकारी शिक्षक आपदा की इस घड़ी में अब गांव-गांव घूमकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करेंगे ताकि लोग इससे बच सकें. शिक्षकों का कहना है कि वह अपने सामाजिक दायित्व को पूरा करने का काम कर रहे हैं. सिर्फ आंदोलन ही हमारा कर्तव्य नहीं है. हम अपने सामाजिक कार्यों के प्रति भी उतने ही संवेदनशील हैं, जितना संवेदनशील हम अपने को रोटी को लेकर हैं.
जारी रहेगी समान काम समान वेतन की मांग
शिक्षकों ने कहा कि हम संवैधानिक तरीके से अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे. शिक्षकों की लड़ाई अब उनकी लड़ाई नहीं रही बल्कि यह अब आम जनमानस की लड़ाई हो चुकी है. शिक्षकों की इस पहल से भले ही उनका आंदोलन थमेगा. लेकिन शिक्षकों का मानना है कि इस महामारी के दौरान और इसके बाद भी सरकार से हम अपनी मांग करते रहेंगे, जब तक सरकार उन्हें पूरा नहीं करती.