बेगूसराय:जिले में एससीएसटी ओबीसी एंड माइनयोरिटी संयुक्त संघ के बैनर तले लहेरी धर्मशाला में हर्षोल्लास के साथ देश की पहली शिक्षिका और सामाजिक क्रांति की अगुवा सावित्री बाई फुले की 190वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर उपस्थित लोगों ने सावित्री बाई फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके संघर्षों को याद किया. वहीं, उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया.
बेगूसराय: 190 जयंती पर याद की गईं देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले - Savitri Bai Phule, leader of social upliftment
जिले में देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले की 190 जयंती धूमधाम से मनाई गई. वहीं, आयोजन में उपस्थित लोगों ने उनके बताए गए नक्शे कदम पर चलने का संकल्प लिया.
देश फुले की जयंती को शिक्षिका दिवस के रूप में मनाएं- डॉ. नूतन सिन्हा
इस अवसर पर समारोह की मुख्य अतिथि डॉ. नूतन सिन्हा ने अपनी बातें रखीं. उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फुले देश की पहली शिक्षिका थीं. जिन्होंने तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी महिलाओं की शिक्षा का अलख जगाया. उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सावित्री बाई फुले की जयंती को शिक्षिका दिवस के रूप में मनाएं. वहीं, मोर्चा के जिला संयोजक विजय पासवान ने कहा वंचित समाज को अपने नायकों और नायिकाओं से सीख लेते हुए उनके सामाजिक योगदान को आगे बढ़ाना चाहिए.
सावित्री बाई फुले का पाठ्यक्रम में जिक्र न होना सामाजिक भेदभाव को दर्शाता है- शिवानी, छात्रा
वहीं, इस अवसर पर कवि कुंवर कन्हैया ने कहा सावित्री बाई फुले ने विपरीत परिस्थिति में अमानवीय कष्ट सहकर महिलाओं के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाई. वहीं, छात्रा शिवानी कुमारी ने कहा पाठ्यक्रम में सावित्री बाई फुले का जिक्र तक नहीं होना सामाजिक भेदवाव दर्शाता है. छात्रा ने कहा कि सही मायने में शिक्षा की देवी सावित्री बाई फुले हैं. पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी शामिल करने के लिए संघर्ष करने की जरूरत है.