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बेगूसराय: बाढ़ राहत और बचाव कार्यों को लेकर जिला प्रशासन ने की समीक्षा बैठक - Flood victims protest in Begusarai

जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि जलजमाव वाले इलाके से पानी उतरने के बाद महामारी की संभावना रहती है. इसको ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है. पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर, चुना और हैलोजन टैबलेट सभी प्रखंडों में उपलब्ध कराया जाएगा.

बेगूसराय

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Published : Oct 3, 2019, 6:25 PM IST

बेगूसराय: जिले में बाढ़ को लेकर हो रहे राहत और बचाव कार्य की डीएम ने समीक्षा बैठक की. बुधवार देर रात जिला मुख्यालय में हुई बैठक में सभी अधिकारी मौजूद थे. जिले के प्रभारी सचिव अमृत लाल मीणा ने अधिकारियों से उनके काम की रिपोर्ट मांगी और जरूरी निर्देश भी दिए. शामहो प्रखंड में बाढ़ की हालात को देखते हुए इस क्षेत्र पर विशेष चर्चा की गई.

महामारी से निपटने की तैयारी
जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि जलजमाव वाले इलाके से पानी उतरने के बाद महामारी की संभावना रहती है. इसको ध्यान में रखते हुए सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है. पर्याप्त मात्रा में ब्लीचिंग पाउडर, चुना और हैलोजन टैबलेट सभी प्रखंडों में उपलब्ध कराया जाएगा. सभी पंचायतों में इसके छिड़काव के लिए टीम गठित करने को कहा गया है. बैठक में सभी प्रखंडों के बीडीओ, सीईओ, अनुमंडल के एसडीओ के सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे.

समीक्षा बैठक की रिपोर्ट

मुलभूत सुविधाओं की मांग
वहीं, बाढ़ पीड़ित गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर बलिया अंचल कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना पर थे. बाढ़ पीड़ितों ने कहा कि बलिया में बाढ़ ने तबाही मचा दी है. इलाके के कई परिवार बेघर हो गए. जिला प्रशासन कोई मदद नहीं कर रहा है. लोगों को मुलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है. लोगों के पास खाने-पीने और रहने तक की समस्या है. लोगों में स्थानीय एमएलए, एमपी और अधिकारियों को लेकर गुस्सा था.

बाढ़ पीड़ितों ने किया धरना प्रदर्शन

प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
भाकपा माले के जिला सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि प्रशासन की मदद रिहाईसी इलाके तक ही सिमित है. गरीब-दलित की झोपड़ियों में झांकने वाला कोई नहीं है. बाढ़ पीड़ित को न्यूनतम राहत सामग्री भी नहीं मिल रहा है. चुड़ा-सक्कर, मोमबत्ती-माचिस, पशु चारा और प्राण रक्षक दवाइयों का वितरण नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार और अधिकारी हमारी समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. यह इलाका को बाढ़ प्रभावीत घोषित नहीं किया गया है. यदि हमारी मांगों को नहीं माना गया तो हम 14 अक्टूबर को जिला मुख्यालय में उग्र आंदोलन करेंगे.

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