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सरकारी नौकरी छोड़ शुरू की मोती की खेती, PM मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र - ultivates pearl in begusarai

बेगूसराय के किसान जयशंकर मोती की खेती करने वाले पहले किसान हैं. पीएम मोदी ने इस बारे में अपने मन के कार्यक्रम में जिक्र करते हुए, जो कुछ कहा. उससे जयशंकर बेहद ऊर्जावान और खुश नजर आ रहे हैं.

क्या बोले जय़शंकर
क्या बोले जय़शंकर

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Published : Jul 26, 2020, 10:24 PM IST

बेगूसराय:पीएम नरेंद्र मोदी ने रेडिया कार्यक्रम 'मन की बात' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार में मोती की खेती का जिक्र किया. उन्होंने कहा ये आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम है. ऐसे में ईटीवी भारत ने मोती की खेती करने वाले पहले किसान जयशंकर से बात की. जयशंकर ने पीएम मोदी का आभार व्यक्त किया और मोती की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

बेगूसराय के सुदूर गांव में रहने वाले किसान जयशंकर आज देश के उन लोगों मे शामिल हो गए, जिनके काम से प्रभावित होकर प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम में जिक्र किया. जयशंकर ने सरकारी नौकरी को छोड़ खेती को जीवन जीने का जरिया बनाया. वो बिहार के पहले किसान बने, जिन्होंने मोती की खेती कर किसानों के लिए उदाहरण पेश किया. मोती की खेती करने वाले जयशंकर अन्य किसानों को प्रशिक्षण देने का भी काम करते है. प्रधानमंत्री के द्वारा मोती की खेती को लेकर की गई चर्चा को जयशंकर अपने जीवन की सबसे बडी उपलब्धि मान रहे हैं.

क्या बोले जय़शंकर

ऐसे शुरू की खेती
बेगूसराय के डंडारी प्रखंड के तेतरी गांव के रहने वाले किसान जयशंकर कुमार ने सरकारी शिक्षक की नौकरी से वोलेंट्री रिटायरमेंट ले लिया. इसके बाद उन्होंने कृषि को अपना करियर बनाया और आधुनिक तकनीक जा सहारा लेकर सीप की खेती शुरू की. बिहार में पहली बार किसी किसान ने सीप की खेती कर इतिहास रचा और फिर दोबारा पीछे मुड़कर नहीं देखा.

खुश हैं जयशंकर

हालांकि, इस दौरान उनको काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा. 2009 में जयशंकर ने सीप की खेती शुरू की. जयशंकर बताते हैं कि एक एकड़ में मोती की खेती से 6 लोगों का परिवार आराम से गुजर बसर कर सकता है. उन्होंने मोती को न केवल रत्न बताया बल्कि उसे एक औषधि भी बताया.

आयुर्वेद में मोती का बड़ा महत्व
जयशंकर की मानें, तो मोती भस्म आयुर्वेद के लिए काफी महत्व रखता है. जयशंकर ने बताया कि विज्ञान का छात्र होने के चलते मेरी रुचि इसमें बहुत ज्यादा थी. 2009 में मैंने मीठे पानी से सीप और मोती की खेती का हुनर जाना. इंटरनेट के माध्यम से मुझे पूरी जानकारी मिली. बता दें कि बिहार में मीठा पानी पाया जाता है. लिहाजा, उन्होंने ये खेती शुरू की और सफल हो गए.

मोती की खेती के बारे में दी जानकारी

आत्मनिर्भर्ता की ओर बढ़ता कदम
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, 'साथियों, जब हम कुछ नया करने का सोचते हैं, इनोवेटिव सोचते हैं, तो, ऐसे काम भी संभव हो जाते हैं, जिनकी आम-तौर पर, कोई कल्पना नहीं करता, जैसे कि, बिहार के कुछ युवाओं को ही लीजिये. पहले ये सामान्य नौकरी करते थे. एक दिन उन्होंने तय किया कि वो मोती यानी पर्ल्स की खेती करेंगे.

पीएम मोदी ने आगे कहा, 'उनके क्षेत्र में लोगों को इस बारे में बहुत पता नहीं था. लेकिन इन लोगों ने पहले सारी जानकारी जुटाई. जयपुर और भुवनेश्वर जाकर ट्रेनिंग ली और अपने गांव में ही मोती की खेती शुरू कर दी. आज ये स्वयं तो इससे काफी कमाई कर ही रहे हैं. उन्होंने, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय और पटना में अन्य राज्यों से लौटे प्रवासी मजदूरों को इसकी ट्रेनिंग देनी भी शुरू कर दी है. कितने ही लोगों के लिए इससे आत्मनिर्भरता के रास्ते खुल गए हैं.'

कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि जयशंकर आज देश के लिए एक उदाहरण बन गए है, जिनकी सोच और आधुनिक तरीके से सीप की खेती अब देश के किसानों का ध्यान आकर्षित करेगी.

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