बेगूसरायः मटिहानी थाना इलाके के नया गांव में महीनों आतंक मचाने वाला भैंसा आखिरकार पकड़ा गया. गांव के युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर हत्यारे भैंसे को काबू में किया और भैंसे को पकड़ लिया गया है. इस मवेशी के पकड़े जाने के बाद स्थानीय लोगों के जान में जान आ गई है और वो काफी खुश हैं.
दहशत में थे गांव के लोग
आदमी के आतंक और हत्यारा होने की बात तो आपने खूब सुनी होगी. लेकिन आज इस हत्यारे भैंसे की कहानी सुनकर आप भी हैरान और खौफजदा हो जाएंगे. जिसने महीनों से पूरे गांव में दहशत फैला रखी थी. इसके दहशत से किसानों ने अपनी खेती बंद और मजदूरों ने मजदूरी बंद कर दी थी. डर के मारे महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं. तो कइयों ने ठिकाना बदल दिया था. ये कोई रील की नहीं बल्कि रियल लाइफ की वो कहानी है, जिसका जिक्र करते हुए लोगों के हाथ पांव फूल जाते हैं.
एक को उतारा मौत के घाट
दरसअल, पिछले एक महीने से नया गांव में इस भैंसे ने आतंक मचा रखा था. जिसके कारण कई घर उजड़ गए, तो कइयों की जान चली गई. लोगों की मानें तो अब तक एक व्यक्ति को भैंसे ने इतना उठा-उठाकर पटका की उसकी मौत ही गई. एक व्यक्ति की पसली टूट गई. लोगों की मानें तो ये भैंसा लोगों के लिए आतंक का पर्याय बन गया था. कब किसकी मौत का समाचार ले आये या फिर किसको घायल कर दे ये किसी को पता नहीं रहता था. इस भैंसे ने गांव के लगभग 20 से 25 लोगों को बुरी तरह घायल कर दिया था.
भैंसा पर पाया गया काबू
बताया जाता है कि लोग इसके डर से घर में दुबके रहते थे. बुजुर्गों ने गंगा स्नान पर जाना बंद कर दिया. लोग इसे इलाके का सबसे बड़ा गुंडा कहने लगे थे. आखिरकार गांव के लोगों ने अपनी जान की बाजी लगाकर किसी तरह भैंसे को अपने काबू में किया. इसके लिए दर्जनों लोग ट्रैक्टर और दूसरे संसाधनों से लैस होकर भैंसे को पकड़ने निकले और काफी मशक्कत के बाद कामयाब हुए. जिसके बाद इलाके में जश्न का माहौल है.
पकड़ा गया भैंसा और प्रसन्न मुद्रा में लोग लोगों ने ली राहत की सांस
गांव के सरपंच ने बताया कि हमने फैसला लिया है कि इस भैंसे को नेपाल या बंगाल के इलाके में ले जाकर छोड़े देंगे. जहां से ये फिर वापस नहीं आ सके. इसके लिए मटिहानी के अंचलाधिकारी से इसकी परमिशन भी ले ली गई है. कुल मिलाकर पूरे एक महीने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. वहीं, लोगो के सिर पर मंडरा रहा मौत का खतरा भी खत्म हो गया है.