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बेगूसराय: मॉब लिचिंग की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े - कुंदन कुमार

मॉब लिचिंग की बढ़ती घटनाओं से लोगों में दहशत है. अगर मई महीने की बात करें तो रिकॉर्ड के अनुसार 6 लोगों की मौत मारपीट के दौरान हुई है.

सामने आए चौकाने वाले आंकड़े

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Published : Jul 11, 2019, 4:52 PM IST

बेगूसराय: जिले में मॉब लिचिंग की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. बीते 5 महीने के अंदर मॉब लिंचिंग की यहां 11 घटनाएं घटी हैं, जिसमें सीपीआई के नेता फागों तांती की हत्या भी शामिल है. ऐसे में लोगों का पुलिस और कानून से भरोसा खत्म होता जा रहा है.

मॉब लिचिंग से लोगों में दहशत का माहौल
जिले में पीट-पीटकर हत्या का प्रचलन बढ़ने से लोगों में दहशत है. ऐसे में पुलिस के इकबाल पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. बीते 5 महीनों में लोगों ने कानून को हाथ में लेते हुए 11 लोगों को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. तमाम संवेदनशील मामले का उद्भेदन करने में पुलिस की नाकामी किसी से छिपी नहीं है. अगर मई महीने की बात करें तो रिकॉर्ड के अनुसार 6 लोगों की मौत मारपीट के दौरान हुई है.

अमरेंद्र अमर, अधिवक्ता, व्यवहार न्यायलय

'लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए'
पुलिस एक मामले का उद्भेदन कर नहीं पाती है कि अपराधी दूसरी घटना को अंजाम दे देते हैं. कानून के जानकार अधिवक्ता अमरेंद्र अमर बताते हैं कि कानूनी प्रक्रिया की धीमी रफ्तार और पुलिस की कार्यशैली लोगों में असंतोष पैदा करती है. जिस वजह से लोग खुद न्याय करने लगते हैं. कानून हाथ में लेकर लोग हत्या भी कर देते हैं. ऐसा नहीं होना चाहिए. लोगों को न्यायपालिका पर भरोसा रखना चाहिए.

पेश है रिपोर्ट

'भीड़ को न्याय करने का अधिकार नहीं'
मामले पर मुख्यालय डीएसपी कुंदन कुमार का कहना है कि इस तरह की वारदात अशोभनीय है. भीड़ को न्याय करने का अधिकार नहीं है. किसी भी व्यक्ति को दूसरे की हत्या करने का अधिकार कानून किसी को नहीं देता. पुलिस अधिकारी कहते हैं कि कई अपराधी जेल जाते हैं और जेल से छूटने के बाद फिर आपराधिक वारदात को अंजाम देते हैं. जिससे लोग आक्रोशित हो कर इस तरह की वारदात को अंजाम देते हैं.

चौंकाने वाले आंकड़े:

  • 10 फरवरी को 55 वर्षीय सीताराम महतो की बदमाशों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. मामला भगवानपुर थाना क्षेत्र के तारी गांव का है.
  • 13 फरवरी को 60 वर्षीय रामस्वरूप शाह की बदमाशों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के खम्हार गांव का है.
  • 4 मार्च को अपराधियों ने 26 वर्षीय रिंकेश पासवान की पीट-पीटकर हत्या कर दी और उसके शव को पेड़ से लटका दिया. मामले सिंघौल ओपी क्षेत्र का है.
  • 14 मार्च को अपराधियों ने 32 वर्षीय बेचनी देवी की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी. घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के जिनेदपुर मुसहरी की है.
  • 9 मई को भीड़ ने दो युवकों की जमकर पिटाई कर दी. इसमें 26 वर्षीय अमन कुमार की मौत हो गई. मामला मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भर्रा गांव का है.
  • 16 मई को सीपीआई के नेता फागों तांती की लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. मटिहानी थाना क्षेत्र के रामदीरी पंचायत की घटना है.
  • 18 मई को मामूली विवाद में बड़े भाई ने अपने छोटे भाई की पीट-पीटकर हत्या कर दी. फुलवरिया थाना क्षेत्र के बगरडीह गांव की घटना है.
  • 23 मई की रात बलिया थाना क्षेत्र के एक गांव में बदमाशों ने एक महिला की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
  • 24 मई की रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बिशनपुर में अपराधियों ने 14 वर्षीय अभय कुमार की पीट-पीटकर हत्या कर दी.
  • 29 मई की रात बदमाशों ने सिंघोल ओपी क्षेत्र के कमरुद्दीनपुर गांव निवासी 60 वर्षीय राजाराम दास की पीट-पीटकर हत्या कर दी. चेहरे पर एसिड डालकर मिट्टी में दबा दिया.
  • 19 जून की रात एफसीआई ओपी क्षेत्र के इब्राहिमपुर गांव निवासी कामेश्वर सिंह के 19 वर्षीय पुत्र गोविंद कुमार की बदमाशों ने ईट पत्थर से पीट-पीटकर हत्या कर दी.

इन मामलों के अलावा बीते वर्ष छौड़ाही थाना इलाके में सैकड़ों की भीड़ ने हथियार से लैश तीन अपराधियों की पीट पीटकर हत्या कर दी थी. इसका खौफनाक मंजर लोग अब तक नहीं भूल पाए हैं.

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