बेगूसराय: अनलॉक-1 की शुरुआत सोमवार को उन लोगों के लिए परेशानी की वजह बन गई, जो सरकार की ओर से चलाए जा रहे राहत शिविर में पिछले कई महीने से रह रहे थे. अनलॉक की शुरुआत के साथ ही ऐसे कई राहत शिविर बंद किए गए हैं, जिससे यहां रहने वाले मासूम बच्चे, महिलाएं और दूसरे लोग भूख से बिलखते हुए नजर आए.
इनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश के तकरीबन आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल थे. जिनके पास ना तो घर जाने के पैसे थे और ना ही भोजन करने के लिए पैसे हैं.
स्थानीय लोगों ने की मदद
भूख से बिलखते ऐसे लोगों की सूचना जब स्थानीय लोगों को मिली, तो उनकी मदद की गई. बाद में प्रशासन के लोग भी सक्रिय नजर आए. पूरे देश में जारी लॉक डाउन के बीच अनलॉक-1 की शुरुआत हो चुकी है. इसकी शुरुआत के साथ ही बेगूसराय में चलाए जा रहे है राहत शिविर मंगलवार से बंद कर दिए गए हैं.
कई राहत शिविर बंद
इसका खामियाजा उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है, जो पिछले 2 महीने से उन राहत शिविरों में जाकर अपना जीवन-यापन कर रहे थे. अचानक अनलॉक की शुरुआत के साथ ही राहत शिविरों के बंद कर दिए जाने से इनके सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है.
इनके साथ तीन से चार मासूम बच्चे भी हैं. उत्तर प्रदेश के रहने वाले बबलू कुमार ने कहा कि मजदूरी कर गुजर-बसर करते थे. लेकिन लॉक डाउन के कारण उनकी हालत काफी खराब हो गई है. अब उनके पास घर जाने के भी पैसे नहीं है और ना ही भोजन करने के लिए पैसे हैं.
प्रशासन ने दिया मदद का भरोसा
इस बात की सूचना मिलते ही स्थानीय लोगों ने अपने स्तर से इन लोगों की मदद की और इसके लिए सरकार को जिम्मेदार बताया. इस बात की सूचना मीडियाकर्मियों ने स्थानीय प्रशासन को दी. जिसके बाद प्रशासन ने यह भरोसा दिलाया कि इनके जाने और खाने की तत्काल व्यवस्था की जाएगी. अब देखने वाली बात होगी कि ऐसे राहत केंद्रों में रहने वाले लोगों के लिए सरकार क्या व्यवस्था करती है.