बेगूसराय: कोरोना वायरस के संक्रमण और देश में जारी लॉकडाउन की वजह से आम आदमी से लेकर बड़े-बड़े संस्थानों की आर्थिक स्थिति बद से बदतर हो गई. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और देश को आत्मनिर्भर बनाने की अपील प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सार्वजनिक मंच से कर चुके हैं. पीएम की अपील पर पूरे देश में छोटे से लेकर बड़े स्तर तक भारत को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद शुरू हुई है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम उस गांव पहुंची, जहां की महिलाएं वर्षों से आत्मनिर्भर हैं.इसी वजह से गांव के दर्जनों परिवार सुख-चैन की जिंदगी जी रहे हैं. खास बात ये रही कि लॉकडाउन में जब इनके पति बेरोजगार हो गए तो इन महिलाओं ने बखूबी अपना परिवार संभाला.
महिलाओं को संगठित कर वर्षों से लघु उद्योग चलाने की ट्रेनिंग
ये बेगूसराय सदर प्रखंड का डुमरी गांव है. इस गांव की अनुपमा सिंह लगातार ग्रामीण महिलाओं को संगठित कर वर्षों से लघु उद्योग चलाने की ट्रेनिंग दे रही हैं. लॉकडाउन के पहले तक इनके टीम की महिलाएं सेनेटरी नैपकिन बनाकर बाजार में बेचा करती थीं. वहीं लॉकडाउन के दौरान इनकी टीम ने घरेलू संसाधनों से निर्मित विभिन्न प्रकार की खाद्य सामग्रियों को तैयार कर लोगों को उपलब्ध करवाई. यहां चक्की और सिलबट्टे के सहारे सामग्रियों को पीसकर खाद्य सामग्री तैयार की जाती है. जिससे खाद्य पदार्थ का प्राकृतिक स्वाद कायम रहता है. घरेलू स्वाद और जायका देखकर महिलाओं की ओर से निर्मित उत्पाद की काफी मांग बढ़ गई. वर्तमान समय में उत्पादन का 20 गुना मांग बढ़ी है जिसे महिलाएं रात दिन परिश्रम कर पूरा करने का प्रयास कर रही हैं.