बेगूसराय: कोरोना को लेकर लगे लॉकडाउन की वजह से अपने घरों से बाहर विभिन्न प्रदेशों में लाखों की संख्या में मजदूर फंसे हुए हैं. आलम यह है कि अन्य राज्यों में गए मजदूरों को अब काम मिलना भी बंद हो गया है. उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. थक हारकर मजदूर अपने संसाधन से अपने-अपने घरों की ओर लौट रहे हैं.
कोरोना संकट की मार झल रहे लेबर, मजदूर दिवस पर 4 दिन साइकिल चलाकर पहुंचे बेगूसराय - उत्तर प्रदेश के भदोही
शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस है, लेकिन कोरोना के कारण मजदूर इस बार केवल दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं. शुक्रवार को लगभग 2 दर्जन मजदूर यूपी से साइकिल चलाकर बेगूसराय पहुंचे. इन्हें अपने घर मालदह जाना है.
![कोरोना संकट की मार झल रहे लेबर, मजदूर दिवस पर 4 दिन साइकिल चलाकर पहुंचे बेगूसराय मजदूर](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7022732-426-7022732-1588351328162.jpg)
साइकिल से निकले घर
ऐसे ही दर्जनों मजदूर जो उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में कारपेंटर का काम करते थे, लेकिन कोरोना बंदी के बाद वहां काम बंद हो गया और मजदूर मुश्किल में आ फंसे. जब सरकार ने मजदूरों को घर पहुंचाने की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई तब वे खुद ही अपनी जुगाड़ से साइकिल खरीद कर अपने घरों की ओर चल दिए.
4 दिन बाद पहुंचे बेगूसराय
शुक्रवार को लगभग दो दर्जन मजदूर उत्तर प्रदेश के भदोही से 4 दिन की साइकिलयात्रा कर बेगूसराय पहुंचे. उन्हें पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन तक जाना है. मजदूरों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि रास्ते में कोई भी अपने घरों के नजदीक रहने नहीं देता था. वहीं मजदूरों ने कहा कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने खाना खिलाया.