बेगूसराय:न्यायालय के आदेश के 7 साल बाद भी बलिया थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं करने का एक मामला सामने आया है. इस मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. साथ ही मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ठाकुर अमन कुमार ने बलिया थानाध्यक्ष को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया है.
बेगूसराय में 7 साल बाद भी मामला दर्ज नहीं, बलिया थानाध्यक्ष को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश - Begusarai Court News
भारतीय दंड विधान एवं दहेज अधिनियम के अंतर्गत दायर परिवाद को लेकर बलिया थाना में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई. इसको लेकर कोर्ट ने थानाध्यक्ष को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है.
![बेगूसराय में 7 साल बाद भी मामला दर्ज नहीं, बलिया थानाध्यक्ष को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश Instruction to police station in charge to appear in court in Begusarai](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-07:35:37:1616724337-bh-beg-08-faishla-photo-10004-25032021210607-2503f-1616686567-1.jpg)
बता दें कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ठाकुर अमन कुमार ने परिवाद पत्र संख्या 14805/2014 की सुनवाई करते हुए बलिया थानाध्यक्ष को न्यायालय में उपस्थित होने का आदेश दिया है. बताया जा रहा है कि बलिया थाना के भगतपुर निवासी पूजा देवी ने ग्रामीण हकरू तांती और भागीरथ तांती समेत छह के विरुद्ध धारा 323, 341, 498ए, 406 और 34 भारतीय दंड विधान एवं दहेज अधिनियम की धारा 3/4 के तहत 26 अगस्त 2014 को परिवाद पत्र न्यायालय में दाखिल की थी. न्यायालय ने उसी दिन बलिया थानाध्यक्ष को परिवाद पत्र के आलोक में प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया. लेकिन लगभग 7 वर्ष बीत जाने के बाद भी इस परिवाद पत्र के आलोक में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई.
पुलिस अधीक्षक की ओर से भी दिए गए आदेश
इस मामले में पुलिस अधीक्षक बेगूसराय ने भी 23 जनवरी 2020 को बलिया थानाध्यक्ष को पत्र लिखकर परिवाद पत्र को लेकर कार्रवाई का आदेश दिया था. लेकिन उस आदेश का भी पालन नहीं किया गया. इसी वजह से कोर्ट ने थानाध्यक्ष को हाजिर होने का निर्देश दिया है.